LUCKNOW-भाजपा के सहयोगी पार्टी ने योगी के गढ़ में ललकारा
“यदि भाजपा को हमसे फायदा नहीं तो गठबंधन तोड़ना उनका अधिकार”!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने एक सप्ताह के भीतर दो बार भाजपा नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश की है। निषाद व अन्य सहयोगी दलों का बदलता तेवर भाजपा को भारी परेशानी में डाल सकता है। संजय निषाद ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में बोला कि “यदि भाजपा को लगता है कि हमसे कोई फायदा नहीं हो रहा, तो गठबंधन तोड़ देना उनका अधिकार है। जानकर उनके तेवर को भाजपा नेतृत्व के लिये कड़ा संदेश या धमकी के रूप में देख रहे हैं।भाजपा के बहुतेरे असन्तुष्ट कार्यकर्ताओं की भांति संजय निषाद ने भाजपा को सलाह देते हुए कहा कि “भाजपा को इम्पोर्टेड नेताओं से सावधान रहना चाहिए। एसपी और बीएसपी से आए नेता सहयोगी दलों में घुसकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए सहयोगी दलों के प्रति सम्मान और भरोसा बनाए रखना जरूरी है। सहयोगी दलों का भरोसे से चलें। राजभर, रालोद, निषाद पार्टी पर अपशब्द बंद कराइए। उन्होंने कहा, राजनीतिक विरोधाभास के बीच भी समान सम्मान और शिष्टाचार कायम रहना चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश और देश में स्थिरता बनी रहे। पार्टी स्थापना दिवस पर दिल्ली में उठाई मांग को दोहराते हुये कहा कि निषाद समाज 2013 से आरक्षण और सामाजिक न्याय के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है।निषाद पार्टी समाज के हितों, आरक्षण और राजनीतिक अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करती रहेगी। सहयोगी दलों के साथ मिलकर काम करना और अपने समाज के हितों की लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाना पार्टी की प्राथमिकता है।
अनुसूचित जाति में हमारा नाम नहीं है। इसके लिए हम 75 जिलों में गए हैं। संघर्ष किया है। 31 को हम जनजाति दिवस मनाएंगे। शिल्पकारों को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला है, हमको नहीं मिला है। हम अभी बिहार दौरा भी करेंगे।2024 में कुछ नहीं मिला, 2027 में आगे देखना है। मांगने की आवश्यकता नहीं है।पूर्व सांसद इंजीनियर जयप्रकाश निषाद हमारी पार्टी में आए तो हम टिकट देंगे। आरक्षण की आवाज उठाएं, विधानसभा हम उनके साथ चलेंगे, हम तैयार हैं। हम उनके पीछे चलने के लिए तैयार हैं।समाज को सही दिशा में हम ले चल रहे हैं, इसका लाभ भाजपा को मिल रहा है। भाजपा को लगता है कि हमसे फायदा नहीं है तो वह गठबंधन तोड़ सकती है।कोई पार्टी कोई नेता घमंड में ना रहे। 2018 की जीत याद रखनी चाहिए सपा बसपा एक हो गई थी हम भाजपा के साथ थे बहुत बड़ी जीत हुई।हम भगवान राम को मानते हैं, निषादराज के वंशज हैं। मुख्यमंत्री योगी हमारे मार्गदर्शक हैं, एकता में बल होता है।विधानसभा हमारा समाज जाएगा तो हम भी जाएंगे। समाज के लिए आंदोलन करेंगे। पंचायत चुनाव में भी हम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
डॉ. संजय निषाद ने कहा, हमने परिवारवाद नहीं किया। अपने बेटे को पद से हटाया है दूसरी पार्टी हटाकर देखे। दो दिन पहले संजय निषाद ने अपने भाजपा विधायक बेटे ई. सरवन निषाद को पार्टी के प्रदेश प्रभारी पद से हटा दिया। उनका कहना है कि यह यह बदलाव है। बेटे ई. सरवन को दूसरी और बड़ी जिम्मेदारी देंगे। ई.सरवन निषाद ने 2022 का विधानसभा चुनाव चौरी-चौरा से लड़ा था। वह भाजपा के टिकट पर मैदान मे थे और भाजपा विधायक के रूप में विधानसभा पहुंचे। उनके पिता की पार्टी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) है। भाजपा विधायक बनने से पहले पार्टी में सक्रिय थे। लेकिन भाजपा विधायक बनने के बाद भी उन्हें प्रदेश प्रभारी बनाए रखा गया।
जयप्रकाश निषाद चौरी चौरा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। भाजपा से राज्यसभा सदस्य रहे हैं और इसी पार्टी में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा- यह पॉलिटिकल ड्रामेबाजी है। उनका कहना है कि किसी पार्टी का विधायक दूसरी जगह पदाधिकारी हो ही नहीं सकता। डा. संजय अपने बेटे को हटाने का ड्रामा कर रहे हैं। अभी भी पार्टी में उनके परिवार के लोग ही भरे पड़े हैं। संजय निषाद ने 20 अगस्त को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में सम्मेलन किया। जिसमें जाट, राजभर, निषाद और पटेल समुदाय के लोग पहुंचे थे। संजय निषाद ने कहा था, यूपी में पीडीए का एक नरेटिव चल रहा है, लेकिन यह मंच पीडीए नेतृत्व की एकजुटता का असली मंच था। जब सबका दर्द एक जैसा है, तो क्या मंच भी एक जैसा नहीं हो सकता? राजनीतिक इतिहास गवाह है कि ये समुदाय एक साथ आने पर ताकतवर बनते हैं।इस सभा ने साबित कर दिया है कि निषाद समुदाय किसी भी हालत में अपने अधिकारों और हकों से समझौता नहीं करेगा। अगर हमारे लोग दिल्ली आ सकते हैं, तो लखनऊ में विधानसभा घेरने के लिए भी मार्च कर सकते हैं। हमें अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करना होगा और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत भविष्य सुनिश्चित करना होगा।