एकेटीयू में प्रदेश के पहले मेकर्स लैब की छात्रों को मिली सौगात
– राज्यपाल सहकुलाधिपति आनंदीबेन पटेल जी ने विश्वविद्यालय में आईडिया लैब, इंफोसिस मेकर्स लैब, बने नये छात्रावास का लोकार्पण और उद्घाटन किया
– इनोवेशन हब की ओर से आयोजित 24 घंटे के नवोन्मेष आइडिया चैलेंज 2025 हैकथॉन के ग्रैंड फिनाले के विजेताओं को नकद पुरस्कार देकर किया सम्मानित
राज्यपाल सहकुलाधिपति आनंदीबेन पटेल मंगलवार को डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में एकेटीयू एआईसीटीई आईडिया लैब, प्रदेश की पहली इंफोसिस मेकर्स लैब, छात्र-छात्राओं के लिए बने नये छात्रावास का लोकार्पण और उद्घाटन किया। इनोवेशन हब की ओर से आयोजित 24 घंटे के नवोन्मेष आइडिया चैलेंज 2025 हैकथॉन के ग्रैंड फिनाले के विजेताओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
नवाचार के लिए दिखाई राह
बतौर मुख्य अतिथि इस मौके पर उन्होंने कहा कि नवाचार के पथ पर चलकर ही देश प्रगति के सोपान को छू सकता है। इस कार्य में युवाओं के कंधों पर जिम्मेदारी है। उन्हें समाज की समस्याओं को समझकर उनके समाधान वाले नवाचार पर कार्य करने की जरूरत है। ताकि समाज विभिन्न परेशानियों से निजात पा सके। इस दौरान उन्होंने छात्रों को विभिन्न विषयों में नवाचार की संभावनाओं की नई राह दिखाई। कहा कि छात्र खेती के विभिन्न समस्याओं का समाधान एआई के माध्यम से खोज सकते हैं। नई बनने वाली दवाओं का परीक्षण एआई से करने पर काम करना चाहिए। जिससे जानवरों को बचाया जा सके। कहा कि वर्तमान में मोटे अनाज को लोग प्राथमिकता दे रहे हैं। जबकि ज्यादातर किसान गेहूं चावल की खेती कर रहे हैं। ऐसे में छात्र एआई का प्रयोग कर ऐसा डाटा प्रस्तुत करें जिससे किसानों को पता चल सके कि किस अनाज की खपत ज्यादा होने वाली है। ऐसे छोटे प्रयास से काफी कुछ बदल सकता है। कहा कि आज का युग तकनीकी का है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। कहा कि यह युद्ध जमीन पर नहीं आसमान में लड़ा गया। इसका कारण तकनीकी है। यदि हमें आगे बढ़ना है तो तकनीकी में आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। कहा कि युवा पढ़ाई सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं करें। बल्कि अपनी प्रतिभा का फायदा समाज को भी पहुंचायें। युवाओं की जिम्मेदारी है कि वह तकनीकी के गलत उपयोग को रोकने में आगे आयें। कहा कि हमें देश हित में कार्य करने के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहना चाहिए। कई बार योजनाओं को मूर्त रूप लेने में सालों लग जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। इसलिए योजनाओं का परिणाम तक पहुंचना जरूरी है। कहा कि हम कोई भी कार्य करें। नवाचार करें। सबमें देश और जनताहित सर्वप्रथम होना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा नये आयाम को छू रही है। नवाचार और उद्यमिता को मेकर्स लैब बनने से गति मिलेगी। छात्रों को इसका भरपूर फायदा मिलेगा। उन्होंने छात्रों से नवाचार जनाधारित करने की अपील की।
अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा नरेंद्र भूषण ने कहा कि देश तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इस दिशा में नवाचार और उद्यमिता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। युवाओं को आम जन, किसान को ध्यान में रखकर नवाचार करना चाहिए।
इसके पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए माननीय कुलपति प्रो0 जेपी पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय नवाचार, उद्यमिता, शोध में नित नये आयाम गढ़ रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने से लेकर छात्रहित में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। कहा कि नवोन्मेष जैसे कार्यक्रम युवाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। धन्यवाद डीन इनोवेशन प्रो0 बीएन मिश्रा ने दिया। जबकि संचालन एसो0 डीन डॉ0 अनुज कुमार शर्मा ने किया। इस दौरान माननीय कुलपति प्रो0 जेपी पाण्डेय ने माननीय राज्यपाल का सिंदूर का पौधा भेंटकर स्वागत किया। इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो0 राजीव कुमार, कुलसचिव रीना सिंह, वित्त अधिकारी केशव सिंह, आईईटी के निदेशक प्रो0 विनीत कंसल, कैस के निदेशक प्रो0 वीरेंद्र पाठक, एफओएपी की प्राचार्या प्रो0 वंदना सहगल सहित अन्य शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र उपस्थित रहे।
छात्र-छात्राओं को मिला छात्रावास
राज्यपाल सहकुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने परिसर में नये बने महिला एवं पुरष छात्रावास का उद्घाटन किया। इन छात्रावास की 75-75 कमरों की क्षमता है। छात्रों परिसर में रहने की सुविधा होने से समय की बचत हो जाएगी जिससे छात्र अपना ध्यान पढ़ाई पर लगा सकेंगे।
इंफोसिस ने स्थापित किया प्रदेश का पहला मेकर्स लैब
राज्यपाल सहकुलाधिपति आनंदीबेन ने विश्वविद्यालय परिसर में केंद्रीय पुस्तकालय के भूतल पर इंफोसिस की ओर से प्रदेश में पहला हाइटेक मेकर्स लैब का लोकार्पण किया। मेकर्स लैब में जहां विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के छात्रों को आधुनिक तकनीकी और विज्ञान से जुड़ने का मौका मिलेगा। छात्र इस लैब में अपने प्रोजेक्ट्स को मूर्त रूप दे सकेंगे।
सॉफ्टवेयर बनाने वाली जानी-मानी कंपनी इंफोसिस ने विश्वविद्यालय में मेकर्स लैब बनाया है। करीब 24 सौ स्क्वॉयर फीट जगह पर बनी लैब अपने आप में बेहद खास है। इसमें 25 हाईटेक वर्किंग स्टेशन हैं। जिस पर बैठकर छात्र अपने प्रोजेक्ट को आकार देंगे। इसके अलावा 2 राउंड टेबल, कॉन्फ्रेंसिंग एरिया, हाईटेबल और रिसेप्सन बनाये गये हैं। यहां करीब 19 हजार ऑनलाइन कोर्सेस भी उपलब्ध होंगे। जिन्हें छात्र पढ़ सकते हैं। जबकि इसके लिए छात्रों को कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। कंपनी लैब की स्थापना से लेकर संचालन तक की जिम्मेदारी संभालेगी। छात्रों के लिए टेक्निकल, नॉनटेक्निकल और बिजनेस कम्युनिकेशन, विज्ञान से संबंधित करीब 19 हजार ऑनलाइन कोर्सेस उपलब्ध होंगे। वहीं लैब में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स और थ्री डी प्रिंटर्स होगा। जहां छात्र अपने प्रोजेक्ट पर कार्य कर सकेंगे। छात्रों को विशेषज्ञों की सहायता भी मिलेगी। बता दें कि ऐसा लैब बैंगलोर सहित कुछ चुनिंदा शहरों में ही है।
इसी तरह सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में नये बने एकेटीयू एआईसीटीई आइडिया लैब का भी उद्घाटन किया। इस लैब में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक लैब है। 24 घंटे तक चलने वाली इस लैब में छात्रों से लेकर जो भी नवाचार करना चाहता है उसके आइडिया को मूर्त रूप मिलेगा। लैब में हाइटेक मशीनें स्टॉल की गयी हैं। जिन पर छात्र काम करके बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसके अलावा आइडिया को जमीन पर उतारने में मेंटॉर भी सहयोग करेंगे।
आइडिया को दिया आकार
विश्वविद्यालय में इनोवेशन हब की ओर से 24 घंटे का एआई आइडिया चैलेंज हैकथॉन का आयोजन किया गया। इसमें संबद्ध संस्थानों की 38 टीमों ने हिस्सा लिया। विभिन्न टीमों ने आइडिया को प्रोटोटाइप में बदला। इस दौरान नौ लोगों के जूरी ने टीमों के पास जाकर उनके आइडिया और प्रोटोटाइप का मूल्यांकन किया। इसके अलावा मेंटॉर भी छात्रों से मिलकर उनके आइडिया को स्टार्टअप में बदलने, उसके लिए फंड आदि के बारे में जानकारी साझा की। आइडिया से बने प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी भी लगायी गयी। जिसे माननीय राज्यपाल सहकुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने देखा। इस दौरान उन्होंने प्रोडक्ट की जानकारी भी ली। साथ ही सुझाव भी दिये।
आईईटी की टीम को मिला प्रथम पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार
51 हजार का चेक
रेड लीनियर कंपनी
एआई बेस्ड ऑटोनॉमस रोबोट
आईईटी लखनउ के छात्र, अंकित द्विवेदी, ओम गुप्ता, अनुराग वर्मा, शिवांचल मिश्रा
आईईटी की टीम एवं अन्य टीम को माननीय कुलपति प्रो0 जेपी पाण्डेय एवं आईईटी के निदेशक प्रो0 विनीत कंसल ने बधाई दी।
द्वितीय पुरस्कार
41 हजार का चेक
एआई डर्मेटोलॉजिस्ट
स्ंक्रमित त्वचा की एआई के जरिये जानकारी, रोकथाम और डॉक्टर से संपर्क
छात्र- साहिल कुमार, शुभम पाण्डेय, शुभम जोशी, सिमरन
तृतीय पुरस्कार
31 हजार का चेक
सूर्यमुखी ऑटोमेटेड सोलर सिस्टम
सोलर पैनल का पूरा ध्यान रखने का मोबाइल ऐप सिस्टम
छात्र- आशुतोष सिंह, अभिनव दुबे, आर्यवीर सोनी, जान्हवी पाण्डेय