
कन्नौज: पोल पर चढ़े युवक की करंट लगने से मौत
भड़का ग्रामीणों का गुस्सा, जमकर बबाल, सीओ और थानाध्यक्ष से भी मारपीट
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। करंट से युवक की मौत पर जिले में बड़ा बवाल हो गया। शुक्रवार की शाम परिजनों ने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया और मुआवजे की मांग करने लगे। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। समझाने पर भी महिलाएं नहीं मानीं तो पुलिसकर्मी जबरन शव को उठाने लगे। इस पर महिलाओं का गुस्सा भड़क गया।
महिलाओं की पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की हुई। महिलाओं ने पुलिसकर्मियों की वर्दी नोचीं। महिला थानाध्यक्ष और पुलिसकर्मियों पर चप्पलें चला दीं। पथराव करते हुए पुलिसकर्मियों को खदेड़ लिया। करीब दो घंटे बाद तीन थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा। तब हालात काबू में आ पाए।
पोल पर चढ़ते ही बिजली बहाल कर दी
पूरा मामला ठठिया थाना क्षेत्र के पुंगरा गांव का है। यहां के रहने वाले पौजी राठौर का 24 वर्षीय बेटा बृजेश राठौर प्राइवेट लाइनमैन था। शुक्रवार की दोपहर बाद वह गांव के बाहर बिजली लाइन ठीक करने के लिए उसने शट डाउन लिया था, लेकिन जैसे ही वह पोल पर चढ़ा, तभी बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई। जिससे उसे करंट लग गया। वह झुलस कर नीचे आ गिरा। परिजन उसे तिर्वा स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
बृजेश की मौत के लिए परिजनों ने बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। तिर्वा में पावर हाउस के सामने उसका शव रख दिया। सड़क पर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे तक भीड़ हंगामा करती रही। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ जाम खोलने को राजी न हुई।
ग्रामीणों से पुलिस की झड़प हो गई, धक्का-मुक्की होने लगी
करीब दो घंटे बाद वहां तीन थानों का फोर्स पहुंचा। पुलिसकर्मी जबरदस्ती शव को हटाने का प्रयास करने लगे। जिसको लेकर ग्रामीणों से पुलिस की झड़प हो गई। देखते ही देखते उनमें धक्का-मुक्की होने लगी। महिलाओं ने हाथ में चप्पलें उठा लीं और इंदरगढ़ एसओ पारुल चौधरी को पीट दिया और क्षेत्राधिकारी डॉ. प्रियंका बाजपेयी से भी खींचातानी की। इसके बाद फोर्स ने भी महिलाओं को धक्का दिया तो हाथापाई होने लगी। इनमें कुछ महिलाओं को चोटें भी आईं। इस दौरान कुछ लोगों ने पत्थरबाजी भी की। पुलिसकर्मियों ने लाठी फटकार भीड़ को खदेड़ा। करीब ढाई घंटे बाद हालात काबू में आए। मामला इतना बिगड़ गया कि जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री और एसपी विनोद कुमार को खुद मौके पर आकर कमान सम्हालनी पड़ी। आला अफसरों की कड़ी मशक्कत के बाद ढाई घण्टे बाद हालात पर काबू पाया जा सका।
एक साल पहले हुई थी बृजेश की शादी
परिवार के मुताबिक, बृजेश की शादी करीब एक साल पहले कानपुर देहात जिले से हुई थी। उसके कोई बच्चे नहीं हैं। पति की मौत के बाद से पत्नी रोशनी का रो-रो कर बुरा हाल है। ऐसे में पुलिस के अत्याचार ने जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। पुलिस के तांडव की सम्भावना के चलते अधिकांश युवक और पुरुष गांव छोड़कर कहीं चले गए।
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