बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज(BNE) राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की वार्षिक कार्ययोजना के क्रम मे अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लवली जायसवाल की अध्यक्षता में तहसील कन्नौज में स्थित सुशीला देवी गर्ल्स इण्टर कालेज में आज सवाईकल कैंसर उन्मूलन दिवस के अवसर पर कैंसर को समाप्त करने हेतु डब्ल्यू ०एच०ओ० द्वारा बनायी गयी योजना के संबंध में वृहत स्तर पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य चिकित्साधिकारी डा० स्वदेश गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा० ए०के जाटव, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा महेन्द्र भान सिंह, जनपद सलाहकार रवि एवं डा० नितिका त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक डा० पूरन सिंह, स्कूल के प्रधानाध्यापक रीना कन्नौजिया एवं अन्य शिक्षकगण, कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तरफ से पराविधिक स्वयं सेवक शुभा तिवारी एवं साजिब मौजूद रहे।
सचिव लवली जायसवाल द्वारा शिविर में उपस्थित महिलाओं एवं बालिकाओं को बताया गया कि बताया गया कि महिलाये, माता बहने परिवार की अग्रणी सदस्य है उनके बिना परिवार अधूरा है उनका सम्मान करना अनिवार्य है। महिलाओं के लिये संवैधानिक तौर पर कानून बनाये गये है। महिलाओं को समान कार्य का समान वेतन, कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन कानून, महिला उत्पीडन, भरण पोषण महिलाओं के मदद के लिये महिला थाना, महिला हेल्पडेस्क, महिला हेल्प लाईन इत्यादि और महिलाओं को रात में गिरफ्तार न करने का कानून बनाये गये है साथ ही साथ महिलाओं की मदद के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तत्पर है। प्राधिकरण में एक सादे कागज पर अपनी समस्या को लिखित तौर पर प्रस्तुत करने पर त्वरित कार्यवाही करते हुये विधिक सहायता प्रदान की जाती है, उपस्थित सभी महिलाओं को संरक्षण कानूनी सहायता से संबंधित पम्प्लेट किट उपलब्ध कराई गयी। साथ ही साथ बताया कि महिलाओं के कानूनी अधिकार के प्रति महिला को ही सजग रहना होगा उन्होंने महिलाओं के कानूनी अधिकार जैसे कामकाजी महिलाओं का मातृत्व संबंधी अधिकार कार्यस्थल पर छेड़छाड़ यौन उत्पीड़न से सरंक्षण का अधिकार पुरुषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी।
डा० निलिका त्रिपाठी द्वारा सर्वाइकल कैंसर के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये बताया कि महिलाओ में सर्वाइकल कैंसर आम बीमारी के रूप में फैल रही है। इस बीमारी की प्रारम्भिक अवस्था में जानकारी हो जाने पर 90 प्रतिशत मामलों में मरीज को बचाया जा सकता है। इस बीमारी के निवारण हेतु सुरक्षा एवं जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है। महामारी के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक है। सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से कम उम्र में बालिकाओं का विवाह तथा उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित होने एवं महिलाओं में किसी भी प्रकार के यौन रोग सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते है, कमजोर प्रतिरक्षा किडनी के रोगी, एड्स इत्यादि के रोगियों को असुरक्षित यौन राम्बन्ध करने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा हो सकता है। महिलाओं / बालिकाओं को विशेष रूप से यह समझाया गया कि अनुरक्षित यौन सम्बनध करने से उनको इस भयंकर बीमारी की चपेट में ला सकता है। अनियमित रक्त साव अथवा सफेद ग्राव का होना इराके प्रारम्भिक लक्षण हो सकते है। यदि किसी भी प्रकार का यौन रोग सम्बन्धी कोई लक्षण अथवा संदेह होता है तो उसकी जीप आवश्यक है। सर्वाइकल कैंसर का टीका एचपीवी 9 से 12 वर्ष की अवस्था में लग सकता है।