



पोप फ्रांसिस के निधन पर इजरायल की ‘गलती’, शोक संदेश पोस्ट कर किया डिलीट – राजनयिक जगत में मचा हड़कंप
वेटिकन पर इजरायल की नाराजगी? ग़ज़ा को लेकर पोप की आलोचना के बीच शोक संदेश हटाने के पीछे छिपे हैं कई सियासी संकेत
दुनियाभर में रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक की लहर दौड़ गई। 88 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाले पोप ने 12 वर्षों तक चर्च का नेतृत्व किया और सामाजिक-राजनैतिक मुद्दों पर खुलकर बोलने के लिए पहचाने गए। उनके निधन पर जहां दुनियाभर से श्रद्धांजलि संदेश आ रहे थे, वहीं इजरायल ने एक चौंकाने वाला कदम उठाया।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने पहले पोप के निधन पर सोशल मीडिया पर शोक संदेश पोस्ट किया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसे डिलीट कर दिया गया। बाद में इसे “एक गलती” बताया गया। अधिकारियों के अनुसार, ग़ज़ा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों की पोप फ्रांसिस द्वारा की गई कड़ी आलोचना इसकी वजह रही।
मंत्रालय ने दुनियाभर के अपने दूतावासों को निर्देश जारी कर दिए कि वे न केवल शोक संदेश हटा दें, बल्कि वेटिकन में शोक पुस्तिकाओं पर हस्ताक्षर करने से भी बचें। इस आदेश ने कई राजनयिकों को हैरानी में डाल दिया। एक राजनयिक ने मीडिया को बताया कि उन्हें कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया, बस इतना कहा गया कि “यह मामला समीक्षा के अधीन है।”
कैथोलिक बहुल देशों में तैनात राजनयिकों ने खास चिंता जताई है कि इस कदम से वैश्विक कैथोलिक समुदाय के साथ इजरायल के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला केवल कूटनीतिक भूल नहीं, बल्कि पोप की ग़ज़ा पर की गई खुली आलोचना के जवाब में लिया गया राजनीतिक निर्णय हो सकता है।