
कन्नौज: जिले में ऑनर किलिंग की घटना, बेटी को गला दबाकर मारा, जंगल ले जा कर फूंक दिया
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज(BNE) 3 महीने पहले नाबालिग बेटी के गायब होने की रिपोर्ट एक पिता ने दर्ज कराई थी। किशोरी का पता लगाने में पुलिस जुटी हुई थी। वहीं परिजनों से बातचीत के दौरान पुलिस को किशोरी के घर वालों पर ही शंका हुआ। शुक्रवार को पुलिस ने परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपी पिता ने बेटी के हत्या करने का जुर्म कबूल लिया। पुलिस ने परिजनों की निशानदेही पर जंगल से लड़की की जली हुई हड्डियां बरामद की।
ठठिया थाना क्षेत्र के औसेर गांव निवासी महेंद्र जाटव ने 4 फरवरी 2025 को तहरीर देते हुए अपनी 17 वर्षीय बेटी अंजली के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एफआईआर दर्ज कर पुलिस किशोरी के पता लगाने में जुटी थी। तीन महीने तक चली विवेचना के दौरान ठठिया थाना पुलिस ने साक्ष्य एकत्र किए। जिसके आधार पर अंजली के गायब होने का संदेह उसी के पिता व अन्य परिजनों पर हुआ। 2 मई को पुलिस ने अंजली के पिता महेंद्र जाटव, अर्पित और अरविंद कुमार को हिरासत में ले लिया।
अधजली लकड़ियां और हड्डियां बरामद
पूछताछ में पिता महेंद्र ने खुद ही बेटी की हत्या कर शव करसाह के जंगल में जलाने की बात कबूल कर लिया। हिरासत में लिए गए तीनों लोगों की निशानदेही पर पुलिस ने करसाह के जंगल को खंगाला। जहां महेंद्र के बताए स्थान पर कुछ अधजली लकड़ियां और हड्डियां पुलिस ने बरामद की। बताया गया कि पिता ने अर्पित और अरविंद के साथ मिलकर अपनी बेटी का गला घोंटकर घर में ही हत्या कर दी थी।
प्रेमी को फंसाने के लिए बेटी को जलाया
सबूत मिटाने और बेटी के प्रेमी को फंसाने के लिए उसका शव जंगल में ले जाकर जला दिया था। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए थाने पहुंचकर बेटी के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ते हुए रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
यही वजह है कि 3 महीने तक किशोरी की तलाश में पुलिस भटकती रही। शनिवार को ठठिया थाना इंचार्ज जय प्रकाश शर्मा ने मामले का पर्दाफाश करते हुए किशोरी के पिता महेंद्र जाटव, अर्पित और अरविंद कुमार के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें अरेस्ट कर लिया। जबकि संदीप और मोनू की पुलिस तलाश कर रही है।
इस वजह से की थी बेटी की हत्या
एसपी बिनोद कुमार ने बताया कि महेंद्र के घर पर उनके पड़ोस में रहने वाला युवक आता-जाता था। जिससे बेटी का प्रेम-प्रसंग हो गया। जब ये बात पता चली तो बेटी को समझाने का प्रयास किया। इसके बावजूद वह लड़के से चोरी-छिपे मिलती थी। फरवरी महीने में गांव के बाहर खेरे पर वह उसी लड़के के साथ बातचीत कर रही थी, जिसे महेंद्र के बेटे संदीप ने देख लिया। जिसके बाद घर पर बेटी को समझाया। लेकिन वह बात मानने को राजी नहीं थी। गुस्से में आकर अर्पित, अरविंद, सन्दीप और मोनू की मदद से उसके गले में गमछा डालकर कस दिया। जिससे उसकी मौत हो गई।
शव को बाइक पर लादकर ले गए थे जंगल
शव को ठिकाने लगाने के लिए अरविंद और मोनू बाइक पर लादकर उसे करसाह के जंगल में ले गए। जहां हम सबने मिलकर लकड़ियां एकत्र कीं और फिर शव को जला दिया। जिस गमछे से फांसी लगाई। उसको भी जला दिया। ताकि कोई सबूत न रहे। इस मामले में पुलिस ने घटनास्थल से किशोरी के दांत, अधजली हड्डियां, बालों में लगाने वाली चिमटी आदि बरामद कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिए।
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