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जिन लोगों में हाई इंटरमस्क्युलर फैट और सीएमडी के सबूत होते हैं,उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा माना गया है।
जिन लोगों की मांसपेशियों में फैट की मात्रा ज्यादा है उनमें हार्ट (Heart Attack Risk) की छोटी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) या कमर की चौड़ाई सभी लोगों के लिए हार्ट डिजीज के जोखिम का सही-सही इवेल्युएट करने के लिए पर्याप्त नहीं होती है।
(BNE -DESK )दिल की सेहत को लेकर चिकित्सा वैज्ञानिक लगातार नए- नए शोध करते आ रहे है ,ताकि लोगों का दिल ज्यादा समय तक धक् धक् करता रहे। आज के इस दौर में तो छोटे -छोटे बच्चो को भी हार्ट अटेक के मामले सामने आ रहे है। कोरोना काल के बाद से लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है तो इसके वजह से भी अब हार्ट अटेक के मामले किसी भी उम्र के लोगों में देखे जा सकते है। इस बीमारी का पता भी नहीं चलता और आदमी की जान चली जाती है। इसी समस्या को देखते हुए अभी हाल ही में यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन में बताया गया है कि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) या कमर की चौड़ाई सभी लोगों के लिए हार्ट डिजीज के जोखिम का सही-सही इवेल्युएट करने के लिए पर्याप्त नहीं होती है।Heart Attack Risk
इस अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की मांसपेशियों में फैट की मात्रा ज्यादा है उनमें हार्ट (Heart Attack Risk) की छोटी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचने की संभावना ज्यादा हो जाती है। ऐसे में इन लोगों को हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। जिन लोगों में हाई इंटरमस्क्युलर फैट और सीएमडी के सबूत होते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा माना गया है।Heart Attack Risk
प्रोफेसर विवियन टैक्वेटी के अनुसार Heart Attack Risk
ब्रिघम और महिला अस्पताल के कार्डियक स्ट्रेस प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर विवियन टैक्वेटी ने बताया कि ये निष्कर्ष फैट और मसल्स को संशोधित करने वाले इनक्रीटिन-आधारित उपचारों के हृदय स्वास्थ्य पर प्रभावों को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसमें ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट की एक नई श्रेणी शामिल है।
Heart Attack Risk: 669 लोगों पर शोध Heart Attack Risk
अध्ययन में 669 व्यक्तियों के मांसपेशियों और विभिन्न प्रकार के वसा का विश्लेषण किया गया, ताकि यह समझा जा सके कि शरीर की संरचना हृदय की छोटी रक्त वाहिकाओं या माइक्रोकिरकुलेशन पर किस प्रकार प्रभाव डाल सकती है। इसके साथ ही, यह हृदयाघात (Heart Attack Risk) के जोखिमों को समझने में भी सहायक है।
6 साल चला अध्ययन Heart Attack Risk
टीम ने लगभग छह वर्षों तक चले अध्ययन में प्रत्येक रोगी की शारीरिक संरचना का विश्लेषण करने के लिए सीटी स्कैन का उपयोग किया। उन्होंने रोगियों के धड़ के एक हिस्से में वसा और मांसपेशियों की मात्रा और स्थिति का मापन किया।
लीन मसल्स वाले लोगों में रिस्क कम Heart Attack Risk
अध्ययन में पाया गया कि मांसपेशियों की अधिकता वाले व्यक्तियों में जोखिम कम होता है। इन लोगों में त्वचा के नीचे जमा वसा ने खतरे को नहीं बढ़ाया। टीम अब फैटी मांसपेशियों वाले व्यक्तियों में हृदयाघात के जोखिम को कम करने के लिए व्यायाम, आहार, वजन घटाने की दवाओं या सर्जरी जैसी अन्य उपचार विधियों के शरीर संरचना और हृदय रोग पर प्रभाव का मूल्यांकन कर रही है।