



पोप फ्रांसिस के निधन पर हमास ने जताई संवेदना, इज़रायल ने पोस्ट कर फिर हटाया शोक संदेश!
धार्मिक सद्भावना के प्रतीक रहे पोप को हमास ने बताया ‘शांति का दूत’, इज़रायल की हड़बड़ी में हुई डिजिटल चूक सुर्खियों में
21 अप्रैल को दुनिया ने एक महान धार्मिक नेता को खो दिया। 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस का निधन विश्वभर में शोक की लहर ले आया। भारत ने जहां उनके सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की, वहीं वैश्विक मंच से श्रद्धांजलियों का सिलसिला भी शुरू हो गया।
इस बीच सबसे चौंकाने वाला बयान सामने आया हमास की ओर से। इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन हमास ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह “मानवता और धार्मिक मूल्यों के प्रतीक” थे। हमास ने कहा कि पोप ने अंतर-धार्मिक संवाद, शांति और आपसी समझ को बढ़ावा दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों पर हो रहे कथित युद्ध अपराधों और नरसंहार की निंदा कर वैश्विक धार्मिक समुदाय में एक मजबूत और न्यायप्रिय आवाज़ का परिचय दिया।
दूसरी ओर इज़रायल की ओर से भी एक शोक संदेश सामने आया, लेकिन यह संदेश पोस्ट किए जाने के कुछ ही घंटों बाद डिलीट कर दिया गया। बताया गया कि यह पोस्ट गलती से किया गया था। हालांकि, जानकारों का मानना है कि पोप द्वारा गाजा में इज़रायली कार्रवाई की निंदा शायद इस फैसले के पीछे की असली वजह है।
पोप फ्रांसिस अपने जीवन में शांति, सहिष्णुता और न्याय के लिए लड़ते रहे। उनके जाने के बाद भी उनका प्रभाव स्पष्ट रूप से वैश्विक राजनीति और धार्मिक विमर्श में देखा जा रहा है।