गोरखपुर-समयानुकूल शिक्षा और चिकित्सा का रोल मॉडल बन रहा एमजीयूजी*

*रोजगारपरक और ग्लोबल डिमांड वाले पाठ्यक्रमों से बनी अलग पहचान*

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समयानुकूल शिक्षा और चिकित्सा का रोल मॉडल बन रहा एमजीयूजी*

*रोजगारपरक और ग्लोबल डिमांड वाले पाठ्यक्रमों से बनी अलग पहचान*

*अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का भी हो रहा सतत विस्तार*
*एक जुलाई को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु करेंगी अकादमिक भवन, ऑडिटोरियम, पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण और गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास* 
गोरखपुर, (BNE)अपने संस्थापक और कुलाधिपति, गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) समयानुकूल, भविष्योन्मुखी शिक्षा और सेवाभाव वाली सर्वसुलभ चिकित्सा का रोल मॉडल बन रहा है। यहां के रोजगारपरक पाठ्यक्रमों ने कम समय में ही इसे सबसे जल्द प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने वाला उच्च शिक्षण संस्थान बना दिया है तो एलोपैथ और आयुर्वेद पद्धति से उत्कृष्ट और रियायती चिकित्सा के लिए भी यह ख्यातिलब्ध हो चुका है। विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का भी सतत विस्तार हो रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार (एक जुलाई) को एमजीयूजी के परिसर में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों अकादमिक भवन, हाईटेक ऑडिटोरियम, विश्व स्तरीय पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण तथा एक हजार की क्षमता वाले गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास होने जा रहा है। राष्ट्रपति के कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए यहां तैयारी को अंतिम रूप दिया जा चुका है।
आरोग्यधाम, सोनबरसा (बालापार रोड) में स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर, पूर्वी उत्तर प्रदेश में आजादी के पहले से राष्ट्रीयतापूर्ण शैक्षिक पुनर्जागरण करने वाले महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का प्रकल्प है। यह शिक्षा परिषद गोरक्षपीठ के अधीन संचालित है और वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की नींव ही महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और इस परिषद को विस्तारित करने वाले ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के विचारों पर रखी है। प्राकृतिक झील चिलुआताल के किनारे सुरम्य वातावरण में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। लोकार्पण के बाद इस विश्वविद्यालय ने उच्च और रोजगारपरक शिक्षा और आयुर्वेद तथा मॉडर्न मेडिसिन के जरिये चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति की है।
*शिक्षा के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियां*
एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह बताते हैं कि इस विश्वविद्यालय में बीएएमएस, एमबीबीएस जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों के अलावा नर्सिंग, फार्मेसी, पैरामेडिकल, एलायड हेल्थ साइंस, एग्रीकल्चर, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन आदि क्षेत्र में स्नातक, डिप्लोमा, परास्नातक के अनेक पाठ्यक्रम संचालित हैं। यहां के सभी कोर्स रोजगारपरक हैं और उन्हें भविष्य की आवश्यकताओं, ग्लोबल डिमांड  के अनुरूप तैयार किया गया है। एलायड हेल्थ मेबमेडिकल बायो केमिस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी जैसे वैश्विक मांग वाले कोर्स के साथ इस सत्र से फोरेंसिक साइंस का भी कोर्स शुरू हो गया है।
*चिकित्सा के क्षेत्र में एमजीयूजी के बढ़ते कदम*
इस विश्वविद्यालय के लोकार्पण के साथ ही परिसर में आयुर्वेद कॉलेज से संबद्ध आयुर्वेद चिकित्सालय की सेवा लोगों को मिलने लगी थी। यहां पंचकर्म चिकित्सा की भी महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट सुविधा है जिस पर दक्षिण भारत का एकाधिकार मान लिया गया था। कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के अनुसार आयुर्वेद कॉलेज के अलावा गत शैक्षिक सत्र में मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू होते ही मॉडर्न मेडिसिन से भी उच्च स्तरीय इलाज शुरू हो चुका है। यहां सुयोग्य डॉक्टरों की फौज है। साथ ही देश के ख्यातिलब्ध विशेषज्ञ डॉक्टर भी यहां परामर्श देने आते हैं। मेदांता और एम्स के डॉक्टरों से ई-आईसीयू की सेवा मिलती है। एमजीयूजी के मेडिकल कॉलेज को भविष्य में 1800 बेड के हॉस्पिटल से अपग्रेड करने की कार्ययोजना पर भी तेजी से काम हो रहा है।

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