



भूत-पिशाच निकट न आवे, महावीर जब नाम सुनावे…
शिव के अवतार होने के कारण भूत-प्रेत और पिशाच दूर रहते हैं
कलयुग के देवता और पृथ्वी पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले शिवजी के अवतार बजरंगवली का नाम जपते ही सारे काम सफल हो जाते है। जहाँ तक बात हो बुरी आत्माओं या बहुत प्रेत की तो भूत-पिशाच निकट न आवे, महावीर जब नाम सुनावे… हनुमान चालीसा में यह पंक्ति तो आपने सुनी ही होगी। पौराणिक मान्यता है कि हनुमान जी का नाम लेने से भूत-प्रेत, बुरी आत्माएं यानी नकारात्मक शक्तियां भाग जाती हैं। हनुमान भक्तों को नकारात्मक ऊर्जा का भय नहीं रहता। हनुमान जी का नाम लेने मात्र से ऐसी नकारात्मकताएं भाग जाती हैं। कई बार मन में सवाल आता है कि ऐसा क्यों होता है, आइए इस सवाल का जवाब विस्तार से जानते हैं।
शिव के अवतार हैं हनुमान जी
हनुमान जी को भगवान शिव के ‘रुद्र’ रूप का ग्यारहवां अवतार माना जाता है। हनुमान जी कलियुग में सबसे अधिक सक्रिय और प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित देवता हैं। हनुमान जी अमर हैं, इसलिए वे युगों-युगों से इस धरती पर मौजूद हैं। हनुमान जी की भक्ति ही दुखों और परेशानियों से बचा सकती है। हनुमान जी को उनकी दिव्य शक्तियों के साथ-साथ उनकी दयालुता के लिए भी याद किया जाता है।
शिव के अवतार होने के कारण भूत-प्रेत और पिशाच दूर रहते हैं
भगवान शिव सभी मनुष्यों, देवताओं और राक्षसों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। भगवान शिव भगवान श्री राम के आराध्य हैं और रावण भी उनका परम भक्त है। ऐसे में हनुमान जी शिव का ही एक रूप हैं, इसलिए जिस तरह सभी जीव-जंतु, देवता और राक्षस शिव का सम्मान करते हैं, उसी तरह हनुमान जी के सम्मान के कारण भूत-प्रेत उनकी आज्ञा का पालन करते हैं और हनुमान जी के भक्तों पर अपनी नकारात्मक शक्तियों का प्रयोग नहीं कर पाते हैं। वहीं, जिस तरह शिव क्रोधित होते हैं, उसी तरह उनके अवतार हनुमान जी भी क्रोधित होते हैं, इसलिए भूत-प्रेत उनसे डरते हैं और उनकी मौजूदगी में ऐसा कुछ नहीं करते जिससे वे क्रोधित हों।
हनुमान जी को वरदान प्राप्त है
पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी को देवताओं ने अद्भुत शक्तियां प्रदान की थीं। यम, शनि, राहु-केतु जैसी बुरी शक्तियां हनुमान जी को छू भी नहीं सकतीं। हनुमान जी के भक्त इनसे सुरक्षित भी रहते हैं। इसलिए जब भूत-प्रेत लोगों को परेशान करते हैं, तो लोग हनुमान जी की शरण लेते हैं और कोई भी नकारात्मक शक्ति उन्हें या उनके भक्तों को प्रभावित नहीं कर पाती। इस वजह से लोग भूत-प्रेत जैसी समस्याओं से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करते हैं। हनुमान जी आठ सिद्धियों के दाता हैं
हनुमान चालीसा में आठ सिद्धियाँ हैं। इन आठ सिद्धियों के नाम हैं अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व। किसी भी देवता या मनुष्य के लिए इतनी सिद्धियाँ प्राप्त करना संभव नहीं है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि राक्षस या पिशाच अज्ञानता और नकारात्मकता के प्रतीक हैं, इसलिए भूत-प्रेत और राक्षस सिद्ध देव की सकारात्मक शक्तियों से डरते हैं। ज्ञान की सकारात्मकता से ही नकारात्मकता को खत्म किया जा सकता है।