



AI से हिजाब तक: जब टेक्नोलॉजी बनी निगरानी का हथियार
ईरान में AI और ड्रोन से महिलाओं पर नजर, हिजाब कानून के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
ईरान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी का उपयोग अब हिजाब कानून लागू करने के लिए किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर AI-सक्षम कैमरे और ड्रोन तैनात कर दिए हैं, ताकि बिना हिजाब वाली महिलाओं की पहचान की जा सके।
तेहरान के अमीरकबीर विश्वविद्यालय में चेहरे की पहचान तकनीक लगाई गई है, जबकि प्रमुख राजमार्गों पर ऐसे कैमरे लगे हैं जो हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को ट्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा, ईरानी पुलिस ने “नाज़र” नाम का एक मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिससे नागरिक हिजाब उल्लंघन की रिपोर्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट दर्ज होने पर संबंधित वाहन मालिक को चेतावनी संदेश भेजा जाता है और बार-बार उल्लंघन करने पर वाहन जब्त कर लिया जाता है।
इस निगरानी तंत्र के कारण हिंसक घटनाएं भी सामने आई हैं। हाल ही में, एक महिला को पुलिस ने गोली मार दी जब वह चेकपॉइंट से बच निकलने की कोशिश कर रही थी। इससे पहले 2022 में महसा अमिनी की मौत ने पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन भड़का दिए थे, जिसमें 500 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। टेक्नोलॉजी का यह कठोर रूप, जहां AI और निगरानी उपकरणों का उपयोग नागरिकों को नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है, वैश्विक चिंता का विषय बन गया है।