



पहलगाम हमले पर चीन-पाक की ‘समान प्रतिक्रिया’ – क्या संयोग है या सुनियोजित संदेश?
हमले के एक दिन बाद चीन ने दी प्रतिक्रिया, उसी वक्त पाकिस्तान ने भी दिखाई ‘संवेदना’ – लेकिन सुर वही, संदिग्ध इरादे साफ?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन चीन और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया की टाइमिंग और भाषा ने नए सवाल खड़े कर दिए हैं। एक दिन की चुप्पी के बाद, चीन के भारत में राजदूत शू फेइहोंग ने सोशल मीडिया पर हमले की निंदा की और सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करने की बात कही। इसी के कुछ मिनटों बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी अपनी ‘चिंता’ जताते हुए एक बयान जारी किया।
चीन ने पीड़ितों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की, वहीं पाकिस्तान ने बयान में जम्मू-कश्मीर को “भारत के कब्जे वाला क्षेत्र” कहा और भाषा में कूटनीतिक नर्मी तो दिखाई, लेकिन संदर्भ वही पुराना था – एक तरह का परोक्ष समर्थन।
इससे पहले पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में न केवल हमले से撙विरक्ति जताई, बल्कि भारत पर ही आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि “दिल्ली की सरकार के खिलाफ विद्रोह हो रहा है”, और देश में अल्पसंख्यकों का दमन हो रहा है।
यह पहली बार नहीं जब चीन और पाकिस्तान ने आतंकी घटनाओं पर लगभग एक जैसे स्वर में बयान दिए हों। सवाल उठता है – क्या ये सिर्फ कूटनीतिक संयोग है, या चीन-पाक की रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा? पहलगाम हमले के जख्म अभी हरे हैं, और पड़ोसी देशों की प्रतिक्रियाएं भारत की चिंताओं को और गहरा कर रही हैं।