



बेंगलुरु-इस राज्य में आरएसएस से जुडी सभी तरह की गतिविधियों पर लगेगी रोक
राज्य के मंत्री प्रियंक खरगे ने गुरुवार, 16 अक्टूबर को यह जानकारी दी कि सरकार इस संबंध में जल्द ही नए नियम लाने पर विचार कर रही है
बेंगलुरु (BNE ):कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे द्वारा चिट्ठी लिखने के बाद कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूल और कालेज परिसरों में आरएसएस से जुडी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए रणनीति बना रही है। दिए हैं। राज्य के मंत्री प्रियंक खरगे ने गुरुवार, 16 अक्टूबर को यह जानकारी दी कि सरकार इस संबंध में जल्द ही नए नियम लाने पर विचार कर रही है
यह पूरा मामला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे की एक चिट्ठी के बाद गरमाया है। प्रियंक खरगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को एक पत्र लिखकर आग्रह किया था कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को RSS जैसे संगठनों के कार्यक्रमों में भाग लेने से सख्ती से रोका जाए।
अपने पत्र में उन्होंने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमों का हवाला देते हुए लिखा, कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी संगठन का सदस्य नहीं होगा… न ही किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में भाग लेगा। खरगे ने कहा कि स्पष्ट नियम होने के बावजूद हाल के दिनों में देखा गया है कि सरकारी अधिकारी RSS की गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं, जिस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
प्रियंक खरगे ने सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक ही अपनी बात सीमित नहीं रखी, बल्कि उन्होंने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों एवं सार्वजनिक स्थानों पर भी RSS की शाखाओं और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इस मांग के बाद मंगलवार को उन्होंने दावा किया कि उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति उन्हें गालियां देते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रहा था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने प्रियंक खरगे की सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है, वहीं गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा है कि सरकार ने इस धमकी को बहुत गंभीरता से लिया है।
दूसरी ओर, कांग्रेस सरकार के इस रुख पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने प्रियंक खरगे की आलोचना करते हुए उन्हें चुनौती दी है कि अगर हिम्मत है तो वह पूरे राज्य में RSS पर प्रतिबंध लगाकर दिखाएं। इस मुद्दे को लेकर अब राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच सियासी टकराव तेज हो गया है।