



नई दिल्ली (BNE ) देश के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी समूह ने बुधवार को जारी किये गए एक बयान में कहा कि अडानी ,उनके भतीजे सागर अडानी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन पर कथित रिश्वतखोरी ,भ्रस्टाचार को लेकर जो मीडिया रिपोर्ट जारी की जा रही है। वह गलत है. अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने बुधवार को कहा कि इस तरह के बयान गलत हैं। तीनों पर अमरीकी न्याय विभाग (डीओजे) के अभियोग या अमरीकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) की सिविल शिकायत में निर्धारित मामलों में एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।
कंपनी ने कहा कि अमरीकी न्याय विभाग के अभियोग में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अडानी समूह के अधिकारियों ने भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी थी। अभियोग और शिकायत केवल इस दावे पर आधारित हैं कि रिश्वत का वादा किया गया था या इस पर चर्चा की गई थी। उसने कहा कि यह सब संभावना और एज़्योर पावर के पूर्व कर्मचारियों की सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है। सीडीपीक्यू ने अडानी समूह के निदेशकों के खिलाफ अमरीकी न्याय विभाग और अमेरिकी एसईसी की कार्रवाई को नैतिक और कानूनी दोनों ही दृष्टि से खतरनाक रूप से अस्थिर आधार पर खड़ा कर दिया है। एजीईएल ने कहा कि अमेरिका की बेबुनियाद कार्रवाई और लापरवाही से की गई झूठी रिपोर्टिंग के कारण अडानी समूह को अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का रद्द होना, वित्तीय बाजार पर असर और रणनीतिक साझेदारों, निवेशकों और आम जनता की ओर से अचानक जांच जैसे कई गंभीर परिणाम भुगतने पड़े हैं।
कंपनी ने कहा कि अडानी समूह भारत का सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेयर है, जिसका वैश्विक ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बड़ा कारोबार है। पिछले कुछ वर्षों में अडानी समूह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने परिचालन का विस्तार कर रहा है और अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया में कई अमरीकी और चीनी कंपनियों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा कर रहा है। अमरीकी न्याय विभाग के अभियोग की सूचना के बाद से अडानी समूह को अपनी 11 सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में लगभग 55 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
यह है पूरा मामला
अमरीकी न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के न्यायालय में अडानी समूह के निदेशकों गौतम अडानी, सागर अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक आपराधिक अभियोग जारी किया और एक दीवानी शिकायत दर्ज की। अमरीकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा 20 नवंबर 2024 को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में फेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई), न्यूयॉर्क फील्ड ऑफि़स के प्रभारी सहायक निदेशक जेम्स ई. डेनेही ने कहा कि गौतम एस. अडानी और सात अन्य व्यावसायिक अधिकारियों ने कथित तौर पर अपने कारोबार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आकर्षक अनुबंधों को वित्तपोषित करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी। अडानी और अन्य प्रतिवादियों ने रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के बारे में झूठे बयानों के आधार पर पूंजी जुटाकर निवेशकों को धोखा दिया, जबकि अन्य प्रतिवादियों ने कथित तौर पर सरकार की जांच में बाधा डालकर रिश्वतखोरी की साजिश को छुपाने का प्रयास किया। हालांकि इसके एक दिन बाद 21 नवंबर, 2024 को अडानी समूह के प्रवक्ता ने इन आरोपों को निराधार बताया और इसे सिरे से खारिज कर दिया।