नई दिल्ली (ब्रेकिंग न्यूज़ एक्सप्रेस )समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव द्वारा देश के सीजेआई के खिलाफ एक विवादित टिप्पणी करने से राजनैतिक गालियारे में हलचल मच गयी। : यादव ने अपने बयान में कहा, हमें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। जब भूतों को जिंदा करते हो तो वह भूत बन जाते हैं और जस्टिस के पीछे पड़ जाते हैं। यह टिप्पणी उस समय आई जब चंद्रचूड़ ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर अपनी प्रार्थना का जिक्र किया था।
इस टिप्पणी के बाद रामगोपाल यादव ने कहा कि मेरे द्वारा दिए गए वयान पर यदि किसी को सीजेआई का अपमान लगता है, तो मेरे समझ से परे है। सीजेआई एक एक्सीलेंट आदमी है। उनका सम्मान है। आपको कि रामगोपाल यादव ने सीजेआई की उस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी जिसमे सीजेआई ने अपने पैतृक गांव में राम मंदिर विवाद पर अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा था, मैंने ईश्वर से प्रार्थना की थी कि कोई रास्ता निकालें।” उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या विवाद पर उनके समक्ष कोई समाधान नहीं था, और अंततः उन्होंने अपने आराध्य से मार्गदर्शन की प्रार्थना की।
इस बीच, जब इस मामले पर अखिलेश यादव से टिप्पणी मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस विवाद की जानकारी नहीं है, लेकिन वे चीफ जस्टिस का सम्मान करते हैं। इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर न्यायपालिका और राजनीतिक क्षेत्र के बीच की जटिलताओं को उजागर किया है, साथ ही यह दर्शाया है कि संवैधानिक प्रावधानों और आस्था के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।