नई दिल्ली,)ब्रेकिंग न्यूज़ एक्सप्रेस ) लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने बाल्मीकि मंदिर में पूजा अर्चना की। राहुल के बाल्मीकि मंदिर में की गयी पूजा अर्चना को राजनीतिक नजरिये से देख रहे है। ऐसा करके राहुल गाँधी आदिवासी वोटरों को लुभाने का प्रयाश कर रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में वाल्मिकी मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की है। हरियाणा में दलित वोटरों के छिटकने से और हार से सबक लेते हुए कांग्रेस अब महाराष्ट्र और झारखंड में उन्हें लुभाने में जुट गई है। राहुल गांधी ने वाल्मिकी मंदिर में पूजा करके दलित वोटरों को संदेश देने की कोशिश की है। दोनों ही राज्यों में दलित वोट काफी अहमियत रखते हैं। ये अगर किसी पार्टी या गठबंधन के पक्ष में झुके तो हार-जीत तय करने में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
महाराष्ट्र में दलित समुदाय की आबादी करीब 14 फीसेदी है। इनमें आधे से ज्यादा महार हैं और बाकी में मातंग, भांबी और दूसरी जातियां हैं। इसके अलावा 8 फीसदी से ज्यादा एसटी समुदाय है। इसी तरह झारखंड में भी दलित और आदिवासी वोट अहम हैं। झारखंड में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 12 फीसदी है जबकि आदिवासी समुदाय की आबादी 26 फीसदी है।
हरियाणा में कांग्रेस की हार की बड़ी वजह दलित वोटों का छिटकना था। चुनाव के बाद सीएसडीएस-लोकनीति की तरफ से किए गए एक सर्वे की माने तो कांग्रेस को हरियाणा में जाटव वोटों का साथ तो मिला लेकिन गैर-जाटव दलित उससे दूर हो गए। पार्टी की दलित चेहरा कुमारी सैलजा जाटव समुदाय से आती हैं। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस को करीब 50 फीसदी जाटव वोट मिले लेकिन गैर-जाटव वोट सिर्फ 33 फीसदी ही मिले। दूसरी और बीजेपी को 35 फीसदी जाटव और 43 फीसदी गैर-जाटव वोट मिले।
बता दें महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को एक चरण में वोट डाले जाएंगे। 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा के लिए दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा इन चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।