अचानक लिए गए इस निर्णय से 50 कारीगर हुए बेरोजगार
वाराणसी (ब्रेकिंग न्यूज़ एक्सप्रेस ) देश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घटिया निर्माण सामग्री की ख़बरों के बाद लगभग हर बड़े मंदिरों ने प्रसाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसी कवायद में प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए गुजरात की कंपनी अमूल को प्रसाद यानी लड्डू पेड़ा बनाने का ठेका दे दिया है। हालाँकि ये ठेका दो कंपनियों को दिया गया है। इसमें पहली और प्रमुख संस्था महालक्ष्मी ट्रेडर्स है। दूसरी संस्था बेला पापड़ स्वयं सहायता समूह है। मंदिर प्रशासन के अचानक लिए गए इस निर्णय के बाद 5 सालों से प्रसाद बनाने वाले कारीगर बेरोजगार हो गए।
मंदिर में इसके पहले पिछले 5 सालों से जो ठेकेदार लड्डू पेड़ा बनाने का काम करते रहे है, उसके करीब 30-40 कारीगर बेरोजगार हो जाने से दुखी है। ठेकेदार के मुताविक एक शिफ्ट में 15 -20 कारीगर काम करते थे अब उनके रोजी रोटी का सवाल है।
10 लाख का मटेरियल और डिब्बे बेकार हो गए
इसके पूर्व लड्डू पेड़ा बनाने वाले ठेकेदार अशोक सेठ मंदिर प्रशसन के अचानक लिए गए इस निर्णय से बेहद दुखी दिखाई दिए ,उन्होंने कहा कि – 5 साल से हम प्रसाद तैयार कर रहे थे। अब कारीगर बेरोजगार हो गए। मंदिर न्यास ने अंदर काउंटर पर लगाए गए सैकड़ों प्रसाद के डिब्बे वापस कर दिए। न्यास ने नई पैकिंग पर रोक लगा दी। काशी विश्वनाथ की फोटो लगवाकर महाप्रसाद के लिए छपवाए 5 लाख डिब्बे रद्दी हो गए। प्रसाद के लिए मंगाई गई 10 लाख रुपए की सामग्री भी अब किसी काम की नहीं।