डिजिटल टेक्नोलॉजी के प्रयोग से योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित हो सकेगा
लखनऊ (ब्रेकिंग नव्स एक्सप्रेस )उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को देश का पहला “जीरो पावर्टी राज्य “बनाने के लिए अपनी खास रणनीति बनायीं है, और उस पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। इस रणनीति में डिजिटल टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डिजिटल टेक्नॉलजी का प्रयोग करने से अधिकारी और कर्मचारी योजनाओं का पालन कराने में लापरवाही और टाल मटोल नहीं कर पाएंगे। जिले से लेकर शासन स्तर तक सारी कारवाही ऑनलाइन होगी, जिससे काम की पारदर्शिता होगी और काम तेजी से होगा। इस डिजिटल टेक्नोलॉजी के प्रयोग से योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित हो सकेगा ,जो अभी तक खास तोर पर गरीबो तक नहीं पहुंच पाती थी।
शासन से जुड़े एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी जी चाहते है कि केंद्र व राज्य सरकार की जो भी लोक कल्याणकारी योजनाएं चल रही है ,उसकी निगरानी सही तरीके से की जाए। बस इसी को भांपते हुए सीएम योगी ने जीरो पावर्टी पर डिजिटल टेक्नोलॉजी पलटफोर्म का सहारा लिया है। शासन की ओर से डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग और डिजिटल पोर्टल को बढ़ावा देने के साथ मोबाइल एप के जरिए इस अभियान को तेज करने के दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
अधिकारी ने यह भी बताया कि इस रणनीति के सफल क्रियान्वन में किसी भी तरह की कोई परेशानी न आये और न ही कर्मचारी के पास किसी तरह का बहाना हो ,इसके लिए सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। जिनके पास कम्प्यूटर युक्त कार्यस्थल की सुविधा नहीं है उन्हें मोबाइल ऐप के माध्यम से लकम करना होगा ताकि फील्ड वाले कर्मचारी भी इसका उपयोग हर समय कर सकें। मोबाइल एप का प्रयोग निर्धनतम परिवारों की पहचान करने के लिए किया जाना है।
ग्राम स्तरीय कर्मचारी तथा ग्राम स्तरीय समिति के सदस्य/पदाधिकारी इस एप का उपयोग करेंगे। ग्राम स्तरीय 5 सदस्यीय समिति को ग्राम स्तरीय कर्मचारियों द्वारा पहचान किए गए गरीब परिवारों के रिकॉर्ड उनके मोबाइल के डैशबोर्ड में प्रदर्शित होंगे। वे उनका स्थलीय सत्यापन करेंगे तथा एप पर ही अपना मत व्यक्त करेंगे। इस एप की मदद से ग्राम स्तरीय कर्मचारियों की टीम 30 दिन के अंदर अपने ग्राम पंचायत में रहने वाले सभी 10-25 गरीब परिवारों की पहचान कर सकेगी।