नई दिल्ली (BNE)– अक्सर आपने जेलों में कैदियों के साथ जाति -आधारित भेदभाव के किस्से सुने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करने के बाद गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमे कहा कि इस तरह की प्रथाओं से जेलों में श्रम का अनुचित विभाजन होता है। जाति के आधार पर काम के बंटवारे की अनुमति नहीं दी जा सकती।
शीर्ष अदालत ने कहा कि जेल मैनुअल निचली जाति को सफाई और झाड़ू लगाने का काम और उच्च जाति को खाना पकाने का काम देकर सीधे भेदभाव करता है।अदालत ने कहा कि यह अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है।