पैकेज्ड फूड को कहें ना!
नई दिल्ली-(BNE) आज के इस भौतिकवादी और भागम- भाग जिंदगी में हम हर रोज दूषित खानपान और मिलावटी खाद्य पदार्थों के रूप में धीमा जहर खाने में लगे है.. इसके परिणामों पर अगर हम जरा भी सोच लें …तो आप- हम काँप जायेंगे। अभी हाल में हुए एक अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि खाने पीने के पैकेटों में लगभग 200 प्रकार के केमिकल्स पाए गए ,जिनमे 76 केमिकल्स को कैंसरकारक के रूप में पहचाना गया है। ये केमिकल्स कागज और पॉलीथिन पैकेजिंग में मिलते है। जब हम मार्किट से गरम चाय या खाने -पीने का भोज्य पदार्थ इन पैकेटों में लाते है ,तो ये केमिकल्स हमारे भोजन में मिल जाते है। और यही पैकेट कैंसर जैसे भयावह रोग के आवक होते हैं. रिसर्च में यह भी पाया गया है कि इन केमिकल्स का सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
आज हम सभी लोगों की एक आम समस्या है कि अधिकांश परिवारों में पति -पत्नी दोनों ही जॉब कर रहे है, जिसकी वजह से घर में खाना बनाना लगभग नामुमकिन सा हो गया है ,ऐसे में हम सभी ऑनलाइन फ़ूड मंगाते है और ऑनलाइन फ़ूड आपूर्ति करने वाले प्लेटफार्म बड़े ही अच्छे ढंग से प्लास्टिक और अन्य पैकेजिंग आइटम से खाना पैक करके भेजते है।और खाना गरम होने की वजह से केमिकल्स इसमें प्रवेश कर जाते है, जो जहर के रूप में हमारे शरीर में घुस जाते है. ऐसे में यह जरूरी है कि लोग अपने भोजन को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सावधानियों का पालन करें। जैसे कि बाहर से खाना लाते समय अपने घर के डिब्बे का उपयोग करें, मेटल के टिफिन का प्रयोग करें, और गर्म खाने को तुरंत पैक न करें। ब्रेस्ट कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, पैकेज्ड फूड्स में खतरनाक केमिकल्स पर ध्यान देना अनिवार्य हो गया है।
सुरक्षित खाने की आदतों को अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। अपनी और अपने परिवार की सेहत के प्रति जागरूक रहना अत्यंत आवश्यक है, ताकि हम इस गंभीर समस्या से बच सकें और एक स्वस्थ जीवन जी सकें। बता दें कि ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो मुख्यतः महिलाओं को प्रभावित करती है। इस बीमारी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। हाल ही में एक अध्ययन ने पैकेज्ड फूड्स में मौजूद खतरनाक केमिकल्स को इस बीमारी के संभावित कारणों में शामिल किया है।