
डिजिटल दक्षता से कैरियर में कामयाबी -डॉ विजय गर्ग
कामकाजी दुनिया में तेजी से बदलाव हुआ है। एआई आटोमेशन, रिमोट वर्क, एप इकोनॉमी और डेटा ड्रिवन फैसलों ने हर सेक्टर की कार्यशैली को नई दिशा दी है। टेक्नॉलोजी में माहिर कर्मचारी ही कंपनी की पहली पसंद होते हैं।
आज की दुनिया में कैरियर सिर्फ डिग्री या अनुभव पर नहीं रुकते। प्रोफेशनल सफलता की परिभाषा अब बिल्कुल बदल चुकी है। कंपनियों से लेकर स्टार्टअप तक हर जगह डिजिटल टेक्नोलॉजी में माहिर होना अब सबसे ऊंची मैरिट है। डिजिटल टेक्नोलॉजी को समझना और उसे अपने कामकाज में इस्तेमाल करना, स्मार्ट होने का सबसे बड़ा पैमाना है।
दरअसल, पिछले एक दशक से कामकाजी दुनिया में तेजी से बदलाव हुआ, एआई आटोमेशन, रिमोट वर्क, एप इकोनॉमी और डेटा ड्रिवन फैसलों ने हर सेक्टर की कार्यशैली को नई दिशा दी है। क्योंकि अब किसी भी जगह कागज पर काम नहीं होता। हर विभाग का केंद्र डाटा बन चुका है। मीटिंग अब ऑफिस में कम, ऑनलाइन ज्यादा होती है। इसलिए टेक और सक्षम कर्मचारी ही कंपनी की पहली पसंद होती है। ऐसे में कामयाब होना है तो डिग्री+डिजिटल स्किल में दक्षता हासिल करिए।
डिजिटल टेक आज की प्रोफेशनल भाषा
शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बैंकिंग, पत्रकारिता, कानून, मीडिया या इंजीनियरिंग आदि हर क्षेत्र डिजिटल टेक्नोलॉजी से ही संचालित होता है। इसलिए कैरियर के लिए ये क्षमताएं जरूरी हैं। जानकारी खोजने की डिजिटल क्षमता, ई-मेल प्रस्तुति और ऑनलाइन संचार, एआई टूल्स का उपयोग, एक्सेल पॉवर, वीआई जैसे डाटा टूल्स, टीम वर्क के लिए जूम, स्लैक, टीम्स जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल, सोशल मीडिया और डिजिटल ब्रांडिंग आदि जो व्यक्ति अपने कैरियर में इन्हें नहीं अपनाता या अपनाने की क्षमता नहीं रखता, तो समझिये वो जॉब मार्केट से बाहर हो गया।
एआई -हमारा नया सहकर्मी
साल 2025 का कार्यक्षेत्र एआई-सहयोगी होने के दौर में प्रवेश कर चुका है। याद रखिए एआई अब सिर्फ मशीन नहीं यह आपकी अदृश्य मददगार टीम है। आज एआई ही हमारे कैरियर को आगे बढ़ाता है। एआई से ही ज्यादातर शोधकर्ता शोध करते हैं। ई-मेल पर रिपोर्ट लिखने का यही बढ़िया माध्यम है। प्रस्तुतियां तैयार करना, प्रोजेक्ट प्लानिंग, कोड और ऑटोमेशन तथा इंटरव्यू की तैयारी व नये कौशल सीखने में सहायता पहुंचाना- ये सब एआई के जरिये ही संभव है। आज एआई के उपयोग करने वाले प्रोफेशनल उसी काम को दूसरे लोगों के मुकाबले 40 से 50 फीसदी कम समय में कर लेते हैं । इसलिए डिजिटल दक्षता हासिल कर लें।
जीवन रक्षक कौशल
आज कंपनियां अपने कर्मचारियों से यही पूछती हैं कि कौन सा डिजिटल टूल कितनी दक्षता से इस्तेमाल करते हैं। जरा इन कुछ डिजिटल तकनीकों पर नजर दौड़ाइये – डाटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी बेसिक्स, सोशल मीडिया मैनेजमेंट,ऑटोमेशन टूल्स, एक्सल एडवांस, ग्राफिक-वीडियो टूल, सीआरएम/ईआरपी सॉफ्टवेयर, एआई सपोर्ट तथा वर्क फ्लो- ये सारे के सारे कोर्स अब मैरिट लिस्ट का आधार बन चुके हैं और करीब-करीब हर क्षेत्र की नौकरी का हिस्सा हैं।
डिजिटल नेटवर्किंग
लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म अब रेज्यूमे से कहीं ज्यादा शक्तिशाली साबित हुए हैं। यहां की आपकी तस्वीर, प्रोफाइल, पोस्ट, कमेंट, बातचीत, सब आपकी डिजिटल पहचान बनाते हैं। डिजिटल नेटवर्किंग के बहुत फायदे हैं। इससे हमारी अवसरों तक सीधे पहुंच बनती है। इंडस्ट्री लीडर से सीधा संवाद होता है। नौकरियों का पता चलता है और प्रोजेक्ट तथा फ्रीलांस काम होते हैं। यहां हर व्यक्ति अपने आपमें सेल्फ ब्रांड होता है। आज 50 प्रतिशत से ज्यादा नौकरियां रेफरल या नेटवर्क से मिल रही हैं। इससे पता चलता है कि क्यों डिजिटल टेक्नोलॉजी में दक्षता जरूरी है।
डिजिटल टेक के जरिये ई-लर्निंग
आज सफल कैरियर का मंत्र है- ‘जो सीखना बंद कर देता है, वह बढ़ना भी बंद कर देता है।’ डिजिटल टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी देन है, ऑनलाइन सीखने की आजादी। कोरसेरा, उडेमी, एनबीटीएल, गूगल सर्टिफिकेट्स व ‘यू-ट्यूब यूनिवर्सिटी’। आज भला ऐसा कौन सा प्लेटफॉर्म है जहां जबर्दस्त ज्ञान नहीं बिखरा पड़ा। लेकिन अगर आप डिजिटल टेक्नोलॉजी से अंजान हैं, तो यह सारा ज्ञान आपके लिए नहीं है। वास्तव में डिजिटल टेक्नोलॉजी हमें तेजी से बदलती है। अगर सप्ताह में दो या तीन घंटे की डिजिटल सीख अपनाते हैं, तो हम इसमें दक्षता हासिल करके अपने कैरियर को मनचाही उड़ान दे सकते हैं।
डिजिटल टेक से पर्सनल ब्रांडिंग
एचआर आपका सीवी देखने के लिए पहले गूगल पर आपका नाम सर्च करता है, जिसमें आपकी ऑनलाइन छवि ही वास्तव में छवि है। लिंक्डइन पर नियमित पोस्ट करें, अपने काम की उपलब्धियों को साझा करें और नये कार्यों की उपलब्धियां साझा करें। इससे आपकी जॉब मार्केट में बहुत आकर्षक व प्रभावशाली तस्वीर बनेगी।
डॉ विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब
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