नई दिल्ली -पर्यटन निवेश की दिशा में राजस्थान के मजबूत कदम
₹1.37 लाख करोड़ के 1600 से अधिक एमओयू, 1.90 लाख रोजगार अवसरों की संभावना
राजस्थान, जो ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध है, अब पर्यटन निवेश के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में जयपुर के होटल गंगौर में आयोजित “राइजिंग राजस्थान टूरिज्म सेक्टर एमओयूज़ – ग्राउंड ब्रेकिंग इन्वेस्टर्स डायलॉग” के दौरान निवेश परियोजनाओं को ज़मीन पर उतारने के लिए की जा रही पहलें सामने आईं।
इस कार्यक्रम में राज्य के पर्यटन, नगरीय विकास, राजस्व और स्थानीय स्वशासन विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा 79 एमओयू धारक शामिल हुए। चर्चा का मुख्य उद्देश्य यह था कि भूमि आवंटन, रूपांतरण और निर्माण स्वीकृति जैसे मुद्दों को शीघ्र सुलझाया जाए ताकि निवेशित परियोजनाएं अमल में लाई जा सकें।
राज्य के पर्यटन, कला व संस्कृति, पुरातत्व के प्रमुख सचिव और आरटीडीसी चेयरमैन राजेश यादव ने कहा, “पर्यटन एक इंडस्ट्री भर नहीं, बल्कि राजस्थान के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की रीढ़ है।”
उन्होंने बताया कि 11-12 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाला “राइजिंग राजस्थान पार्टनरशिप कॉन्क्लेव” देश-विदेश के निवेशकों और पर्यटन ऑपरेटर्स के लिए एक बड़ा मंच होगा।
राज्य की पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियार ने जानकारी दी कि अब तक राजस्थान में पर्यटन से जुड़े 1,600 से अधिक एमओयू साइन हो चुके हैं, जिनमें होटल, रिसॉर्ट, हेरिटेज प्रॉपर्टी, वेलनेस सेंटर, और ईको-टूरिज्म शामिल हैं। इन परियोजनाओं के ज़रिए ₹1.37 लाख करोड़ का निवेश और 1.90 लाख से अधिक रोजगार की संभावनाएं बन रही हैं।
इसमें से 213 प्रोजेक्ट ग्राउंड ब्रेकिंग चरण में पहुंच चुके हैं, जबकि 29 पूरी तरह से संचालित हो चुके हैं – जिनमें करीब ₹28,200 करोड़ का निवेश और 13,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियार ने बताया कि निवेशकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में संवाद स्थापित किया गया। वहीं सभी ज़िलाधिकारियों को ज़िला स्तर पर एमओयू की समीक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि स्थानीय अड़चनों का त्वरित समाधान हो सके।
कार्यक्रम में मौजूद टूरिज्म फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (TFCI) के प्रतिनिधियों ने बताया कि होटल और पर्यटन से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंसिंग के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं। ये अवसर न केवल राजस्थान के निवेशकों के लिए बल्कि अन्य राज्यों के निवेशकों और ऑपरेटर्स के लिए भी फायदेमंद हैं, जो राजस्थान के पर्यटन स्थलों में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहते हैं।
अतिरिक्त निदेशक पवन कुमार जैन ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में “टूरिज्म यूनिट पॉलिसी 2024” लागू की है, जिसमें निवेशकों के लिए आकर्षक प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा दो नई नीतियों पर काम जारी है:
1. राजस्थान फिल्म टूरिज्म प्रमोशन पॉलिसी – जिससे राजस्थान को फिल्म शूटिंग हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
2. नई इंटीग्रेटेड टूरिज्म पॉलिसी – जो इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्किल डेवलपमेंट, और अनुभव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देगी।
डेस्टिनेशन वेडिंग्स, फिल्म शूटिंग, और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए तेजी से लोकप्रिय हो रहा राजस्थान, अब निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन चुका है। राज्य सरकार की सक्रियता, स्पष्ट नीति ढांचा, और ज़मीनी कार्यवाही इसे पैन-इंडिया निवेश के लिए उपयुक्त अवसर बनाते हैं।