



NEW DELHI :पाकिस्तान की जेल में बंद रहते हुए कुख्यात आतंकवादी पिता बन गया !सांसद असदुद्दीन ओवैसी
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा।
नई दिल्ली (BNE ) अप्रैल महीने में जम्मू कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकी हमले के बाद से देश एकजुट होकर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए का जोर लगा रहा है। हालाँकि ऑपरेशन सिन्दूर के तहत भारत ने पाकिस्तानी आतंकियों के ठिकानों को एक झटके में ध्वस्त कर दिया है। ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता की कहानी भी देश के सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल अलग अलग देशों में जाकर पाकिस्तान की पोल खोलने में जुटे हुए हैं। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा।
ओवैसी ने पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को बेनकाब करते हुए कहा कि पाकिस्तान की जेल में बंद रहते हुए कुख्यात आतंकवादी पिता बन गया। ओवैसी उस सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो फिलहाल अल्जीरिया में हैं। उन्होंने शनिवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, जकीउर रहमान लखवी नाम का एक आतंकवादी है। दुनिया को कोई भी देश आतंकवाद के आरोप का सामने कर रहे आतंकवादी को जेल से बाहर आने की इजाजत नहीं देगा, लेकिन वो जेल में बैठे-बैठे ही एक बेटे का पिता बन गया।
ओवैसी ने इस दौरान पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में वापस डालने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में दोबारा डाल दिया जाए तो भारत में आतंकवादी घटनाओं में कमी आएगी। बता दें कि FATF एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है जो आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के लिए ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम के इस्तेमाल को रोकने के लिए नीतियों को विकसित करता और बढ़ावा देता है।
AIMIM प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद केवल दक्षिण एशिया का मामला नहीं रह गया है। हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। अगर हालात ऐसे ही रहे तो क्या होगा? क्या आप चाहते हैं तबाही दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में भी फैले।
अल्जीरियाई मीडिया, थिंक टैंक के सदस्यों और भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों दाएश और अल-कायदा के बीच कोई वैचारिक अंतर नहीं है। पाकिस्तान तकफीरिज्म का केंद्र है। उनका मानना है कि उन्हें धार्मिक स्वीकृति प्राप्त है, जो पूरी तरह से गलत है। इस्लाम किसी भी व्यक्ति की हत्या की अनुमति नहीं देता है और दुर्भाग्य से, यही उनकी विचारधारा है।
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