



थाईलैंड की धरती से मोदी का चीन पर तीखा वार – “भारत विकासवाद में विश्वास रखता है, विस्तारवाद में नहीं”
बिम्सटेक बैठक से पहले साझा बयान में पीएम मोदी ने बिना नाम लिए चीन को घेरा, भारत-थाईलैंड के बढ़ते रक्षा सहयोग से बढ़ी बीजिंग की चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड पहुंचने के बाद वहां की प्रधानमंत्री शिनावात्रा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक के बाद दिए गए साझा बयान में पीएम मोदी ने चीन पर बिना नाम लिए करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, “भारत विस्तारवाद नहीं, विकासवाद में विश्वास करता है।” पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन के साथ भारत के रिश्तों में सतर्कता का माहौल बना हुआ है।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत और थाईलैंड के बीच पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही MSME, हथकरघा और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया गया। भारत और थाईलैंड ने रणनीतिक साझेदारी को लेकर संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, साथ ही डिजिटल तकनीक और संस्कृति सहित पांच क्षेत्रों में सहमति पत्रों पर भी हस्ताक्षर किए गए।
भारत का यह रुख चीन के लिए एक सख्त संदेश माना जा रहा है। खासकर तब, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में भारत को रिश्तों की मजबूती के लिए पत्र लिखा है। लेकिन भारत के बदले रुख और थाईलैंड के साथ बढ़ते सहयोग से चीन की चिंता लाजिमी है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि भारत को चीन की कथनी पर भरोसा करना चाहिए या करनी पर ध्यान देना चाहिए। कूटनीतिक जानकार मानते हैं कि चीन की हरकतें ज़मीन पर कुछ और ही संकेत देती हैं, और भारत इसी को भांपते हुए अपने रणनीतिक कदम आगे बढ़ा रहा है।