



कन्नौज: भाजपा और सपा दोनों के करीबी इत्र कारोबारी के यहां 30 घण्टे से ईडी, जीएसटी की छापामारी जारी
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। अखिलेश यादव के करीबी इत्र व्यापारी मनोज दीक्षित और उनके भाइयों के ठिकानों पर 28 घंटे से छापेमारी जारी है। प्रवर्तन निदेशालय, इनकम टैक्स विभाग और जीएसटी की टीम गुरुवार को भी दस्तावेजों को खंगाल रही हैं। किसी को भी बाहर जाने की इजाजत नहीं है, न ही कोई अंदर आ पाया है।
बुधवार को जब अधिकारी फर्म पहुंचे तो कारोबारी के परिवार ने गेट नहीं खोला। अफसर दीवार फांदकर अंदर गए। अधिकारियों की टीम इत्र कारोबारियों के 26 कोल्ड स्टोरेज, 5 स्कूल (इंस्टीट्यूट) और 3 होटलों की पड़ताल टीम कर रही है। इसके अलावा उड़ीसा में भी प्रॉपर्टी से संबंधित फाइलें खंगाली जा रही हैं।
कारोबारी मनोज दीक्षित सपा के प्रदेश सचिव रह चुके हैं। उनकी फर्म पिछले तीन पीढ़ियों से इत्र का कारोबार कर रही है।
सरायमीरा-कन्नौज रोड स्थित अशोक नगर में इत्र फर्म चंद्रवली एंड संस नाम से इत्र की फर्म है। एक ही कैंपस में 6 भाइयों सुबोध दीक्षित, अतुल, मनोज, विपिन, राम, श्याम का घर और कारखाना है।
सुबोध और उनके भाइयों के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग को गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। यहां बुधवार सुबह करीब 7 बजे प्रवर्तन निदेशालय, आईटी और जीएसटी की टीम पहुंची। इसके बाद टीम ने कार्रवाई की। फिलहाल, अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। एक साल पहले भी उनके यहां जीएसटी की टीम ने छापामारी की थी हालांकि उस वक्त कोई बड़ी गड़बड़ी सामने नहीं आई थी।
फर्म की शुरुआत
इत्र फर्म चंद्रवली एंड संस की कहानी तीन पीढ़ी पुरानी है। इसकी शुरुआत ठठिया थाना क्षेत्र के होलेपुर गांव निवासी किसान के बेटे पंडित चंद्रवली ने की थी। उन्होंने कड़ी मेहनत के बलबूते कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारियों से प्रतिस्पर्धा की और खुद का नाम कन्नौज के गिने-चुने इत्र कारोबारियों में शुमार कराया। इसके बाद उनके बेटे वीरेंद्र दीक्षित ने पिता की विरासत को संभाला और कई गुना ज्यादा कारोबार बढ़ा दिया।
मनोज दीक्षित लड़ चुके है विधानसभा चुनाव
तीसरी पीढ़ी में वीरेंद्र दीक्षित के 6 बेटे सुबोध दीक्षित, अतुल दीक्षित, मनोज दीक्षित, विपिन
दीक्षित, राम दीक्षित और श्याम दीक्षित दीक्षित ने व्यापार को आगे बढ़ाया। हालांकि तीसरी पीढ़ी कारोबार के साथ ही साथ राजनीति में भी सक्रिय रही। मनोज दीक्षित ने राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए स्व. कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के टिकट पर छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था हालांकि वह हार गए थे।
पूर्व सांसद पर दिया था विवादित बयान
हार के बाद मनोज दीक्षित ने समाजवादी पार्टी का दामन पकड़ लिया। वह अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाने लगे। समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रदेश सचिव का पद दे दिया। जिसके बाद से वह लगातार सपा में सक्रिय हैं। 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान मनोज दीक्षित ने कन्नौज में अखिलेश यादव के मंच से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने भाजपा सांसद के टुकड़े-टुकड़े कराने की बात मंच से कही थी।
अखिलेश यादव ने इशारे में उनको कुछ समझाया तो उन्होंने कहा कि वह वोटों से सांसद के टुकड़े करेंगे चुनाव में। तब से मनोज दीक्षित और पूर्व सांसद सुब्रत पाठक में खींचतान चली आ रही है। मनोज दीक्षित के भाई विपिन दीक्षित, राम दीक्षित और सुबोध दीक्षित की पत्नी ऊषा दीक्षित भाजपा से जुड़े हैं।
राजनीतिक रसूख रखता है परिवार
मनोज के भाई सुबोध के परिवार का सभी राजनीतिक पार्टियों से अच्छे संबंध हैं। उनके एक भाई विपिन समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के करीबी हैं। इसके अलावा, राम दीक्षित भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक से बेहद करीबी और अच्छे संबंध हैं।
सुबोध दीक्षित की पत्नी उमा दीक्षित ने पिछले साल कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। उमा ने भाजपा की ओर से दावेदारी पेश की थी। हालांकि, उन्हें बसपा प्रत्याशी कौसरजहां अंसारी ने हरा दिया था।