



सतगुरु रविदास जी महाराज ने सिद्धि की पराकाष्ठा प्राप्त की थी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने संत शिरोमणि गुरु रविदास मठ में सतगुरु रविदास जी महाराज की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर श्रद्धांजलि दी
यहां स्थित प्राचीन मंदिर के पुनरुद्धार का कार्य डबल इंजन सरकार करा रही
मुख्यमंत्री जी आज यहां संत शिरोमणि गुरु रविदास मठ में सतगुरु रविदास जी महाराज की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने सतगुरु रविदास जी महाराज की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर, उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र भी कर्म प्रधान व्यवस्था के महत्व को स्वीकार करते हैं। श्रीमद्भगवद्गीता का श्लोक ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ कर्म की महत्ता को इंगित करता है। श्रीरामचरितमानस में कहा गया है कि ‘करम प्रधान बिस्व करि राखा। जो जस करइ सो तस फलु चाखा’ अर्थात जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल प्राप्त होगा। कर्म को महत्व देकर ही हम विकसित भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विगत 11 वर्षों में इसी कर्म साधना को महत्व देकर भारत को दुनिया के अग्रणी देशों की पंक्ति में खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सतगुरु रविदास जी महाराज काशी में अपने मित्र के साथ नित्य गंगा स्नान के लिए जाते थे। एक दिन जब उनके मित्र ने उनसे गंगा स्नान के लिए चलने को कहा, तो उन्होंने उत्तर दिया कि आज मेरे पास काम अधिक है। मैं इस काम को निपटाने के बाद ही स्नान के लिए जा पाऊंगा, आप मेरी तरफ से मां गंगा को एक आना भेंट चढ़ा देना। जब उनके मित्र ने मां गंगा को एक आना भेंट किया, तो मां गंगा ने अपना हाथ बढ़ाकर भेंट स्वीकार की। वह भौचक रह गए। उन्होंने सोचा कि जब मैं अपनी भेंट चढ़ा रहा था, तो मां गंगा ने इस प्रकार से मेरी भेंट स्वीकार नहीं की लेकिन रविदास जी की भेंट इस प्रकार क्यों स्वीकार की। उन्होंने गंगा स्नान से वापस आकर जब रविदास जी से पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ अर्थात मन की शुद्धि आत्मिक शुद्धि का आधार है। आत्मिक शुद्धि होने पर दुनिया की सभी प्रकार की सिद्धियां स्वतः आपके पास आ जाती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काशीवासी इस पूज्य संत की जन्म भूमि पाकर धन्य हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा सतगुरु रविदास जी महाराज की पावन जन्मस्थली सीर गोवर्धन, काशी में उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। उस स्थल को भव्य स्वरूप प्रदान करते हुए यात्री विश्रामालय का भी निर्माण कराया गया है। वहां पार्क का निर्माण किया गया है। इस पार्क में डेढ़ से 02 लाख श्रद्धालु एक साथ बैठ सकते हैं। वहां पाकशाला तथा अन्नपूर्णा भवन का निर्माण किया गया है। फोरलेन की कनेक्टिविटी प्रदान की गई है, ताकि देश व दुनिया के लोग इस पावन भूमि की ओर आकर्षित हो सके। वर्ष 2017 से पूर्व वहां सिंगल लेन सड़क थी। यात्री विश्रामालय, भोजनालय व पार्क आदि का अभाव था। महर्षि वाल्मीकि की पावन जन्मभूमि व उससे जुड़े हुए लालापुर का भी विकास किया गया है। वहां रोपवे की व्यवस्था भी की जा रही है। संत तुलसीदास जी की जन्मभूमि राजापुर के पुनरुद्धार व सुंदरीकरण का कार्य भी चल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां स्थित प्राचीन मंदिर के पुनरुद्धार का कार्य भी डबल इंजन सरकार करा रही है। इसके लिए एक करोड़ 06 लाख रुपए प्रदान किया जा चुके हैं। उन्होंने समिति को आश्वस्त करते हुए कहा कि धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी, आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। सतगुरु रविदास जी के मंदिर तथा उनसे जुड़े हुए स्थलों के पुनरुद्धार व सुंदरीकरण के कार्य में प्रदेश सरकार निरन्तर सहयोग करती रहेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का दिन अत्यन्त पवित्र है। प्रयागराज में महाकुम्भ स्नान चल रहा है। 13 जनवरी से लेकर अब तक विगत एक माह में 47 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मां गंगा व मां यमुना और मां सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगाकर पुण्य की प्राप्ति कर चुके हैं। यह क्रम आगामी 26 फरवरी तक चलेगा। अगले 14 दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन स्नान के लिए महाकुम्भ आएंगे।
इस अवसर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, संत रविदास सेवा समिति के सदस्य एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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