



Manipur Political Crisis:मणिपुर को आज मिल सकता नया मुख्यमंत्री , नहीं तो लग जायेगा राष्ट्रपति शासन
विधानसभा अध्यक्ष ठोकचोम सत्यब्रत सिंह और मंत्री युम्नम खेमचंद सिंह मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं-सूत्र
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने मणिपुर में भाजपा सरकार को समर्थन जारी रखने की घोषणा कर दी
नई दिल्ली (BNE ) मणिपुर को आग में झोंकने के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफ़ा दे ही दिया। इस्तीफे के मुख्यमंत्री की तलाश तेजी से की जा रही है। इस काम के लिए राज्य के प्रभारी संबित पात्रा को जिम्मेदारी दी गयी है। संबित पात्रा ने सोमवार को एक होटल में मुख्यमंत्री चयन के लिए कई विधयाकों के साथ मंथन किया है। सूत्रों के मुताविक पात्रा ने ऐसे 3 विधयाकों से अलग अलग मीटिंग भी की है जिसने संबंध तनावपूर्ण रहते है। एक वरिष्ठ बीजेपी के नेता के मुताविक विधानसभा अध्यक्ष ठोकचोम सत्यब्रत सिंह और मंत्री युम्नम खेमचंद सिंह मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं। इसी बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने मणिपुर में भाजपा सरकार को समर्थन जारी रखने की घोषणा कर दी है। सूत्रों ने बताया कि अगर नई सरकार बनती है, तो उसमें जेडीयू और एनपीपी जैसे गठबंधन सहयोगी शामिल होंगे।
तो राष्ट्रपति शासन लगना तय
मणिपुर में बीजेपी को मुख्यमंत्री पद के लिए एक नए चेहरे का चयन करना है और इसके लिए केवल 24 घंटे का समय है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी को 12 फरवरी तक नए मुख्यमंत्री का नाम तय करना होगा। यदि ऐसा नहीं हो पाता है, तो नियमों के अनुसार विधानसभा को भंग कर दिया जाएगा। यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हो रही है क्योंकि पिछले विधानसभा सत्र को 12 अगस्त 2024 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। अगर 12 फरवरी तक विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जाता है, तो विधानसभा को भंग कर दिया जाएगा और यह राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए उपयुक्त स्थिति बन जाएगी।
इसलिए एन बीरेन सिंह को देना पड़ा इस्तीफा
3 मई, 2023 को मणिपुर में शुरू हुए जातीय संघर्ष ने राज्य में हिंसा और अस्थिरता पैदा की, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए। कुकी-जो समुदाय के नेताओं ने इस संघर्ष के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को जिम्मेदार ठहराया, जिससे उनका राजनीतिक दबाव बढ़ा। मुख्यमंत्री के खिलाफ उनके ही खेमे के भाजपा विधायक असंतुष्ट हो गए थे। उन्होंने अक्टूबर 2024 में पीएमओ और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मुख्यमंत्री के पद पर बदलाव की मांग की थी। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने शुरुआत में उनका समर्थन किया, लेकिन असंतोष बढ़ता गया।