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ऑपरेशन के दौरान लगा कट ,बाद में बन गई कैंसर की गाँठ
Cancer from patient to doctor: नई दिल्ली (BNE )कैंसर (Cancer) नाम की बीमारी सुनकर सभी का दिल घबरा जाता है। मन में डर और तमाम तरह की चिंताएं सताने लगती है। आज की तारिख में भी कैंसर का इलाज जटिल और रहस्मयी है। चिकित्सा जगत इसके बारे में लगातार रिसर्च कर रहा है। कैंसर से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जो सभी को अचंभित और चिकित्सा जगत के लिए एक हैरान कर देने वाला है। जर्मनी में अभी हाल ही में एक ऐसा दुर्लभ मामला सामने आया है,यहाँ मरीज से डॉक्टर को कैंसर(Cancer) की बीमारी हो गयी। यह घटना सुनने और पढ़ने में भले ही सामान्य सी लग रही हो लेकिन यह घटना इतनी असामान्य है कि यह पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन गई। आइए इस अनोखे मामले को विस्तार से समझें।
मरीज से डॉक्टर को कैंसर: कैसे हुआ यह संभव? Cancer from patient to doctor: How was this possible?
रिपोर्ट्स के अनुसार, जर्मनी में एक सर्जन एक मरीज के पेट में मौजूद कैंसर ट्यूमर का ऑपरेशन कर रहे थे। ऑपरेशन के दौरान, सर्जन के हाथ में गलती से एक कट लग गया। इस कट को उन्होंने तुरंत डिसइंफेक्ट कर बैंडेज लगा लिया। लेकिन लगभग 5 महीने बाद, उसी जगह पर एक छोटी गांठ विकसित हो गई। जांच के बाद पता चला कि यह गांठ कैंसर (Cancer) का एक खतरनाक रूप था।
डॉक्टर के शरीर में यह कैंसर (Cancer) मरीज के ट्यूमर सेल्स की वजह से हुआ। मरीज के ट्यूमर से निकले सेल्स डॉक्टर के कटे हाथ से उनके शरीर में प्रवेश कर गए थे। आमतौर पर, शरीर की इम्यून सिस्टम बाहरी टिशू या सेल्स को नष्ट कर देती है, लेकिन इस केस में डॉक्टर की इम्यूनिटी इसे रोकने में असफल रही।
दुर्लभ और दुर्भाग्यपूर्ण मामला Cancer from patient to doctor:
इस घटना ने मेडिकल समुदाय में नई चर्चाओं को जन्म दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना बेहद दुर्लभ है। आमतौर पर, शरीर बाहरी सेल्स को पहचानकर उन्हें खत्म कर देता है। लेकिन यहां डॉक्टर की इम्यून सिस्टम कमजोर साबित हुई। इस दुर्लभ प्रकार के कैंसर को मेडिकल भाषा में ‘मैलिग्नेंट फायब्रस हिस्टियोसाइटोमा’ (Malignant Fibrous Histiocytoma) कहा जाता है, जो सॉफ्ट टिशू में विकसित होता है।
ऑपरेशन के बाद क्या हुआ?
सर्जरी के 5 महीने बाद गांठ का पता लगने पर डॉक्टर ने तुरंत मेडिकल सहायता ली। उनकी जांच के बाद गांठ को ऑपरेशन करके हटा दिया गया। अच्छी खबर यह है कि दो साल बीत जाने के बाद डॉक्टर के शरीर में कैंसर (Cancer) दोबारा नहीं हुआ।
पहले भी हुए ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब ऐसा मामला सामने आया हो। 1996 में भी एक ऐसा ही दुर्लभ केस दर्ज किया गया था। हालांकि, इस तरह की घटनाएं बेहद दुर्लभ होती हैं और लाखों में एक बार होती हैं।
मेडिकल जगत के लिए नया विषय
यह मामला मेडिकल रिसर्च के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। विशेषज्ञ अब इस बात की गहराई से जांच कर रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ और भविष्य में इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
Cancer : सीखने योग्य बातें
इस घटना से हमें समझने को मिलता है कि मेडिकल पेशे में कार्यरत लोग भी कितने जोखिम में रहते हैं। यह केस हमें इम्यून सिस्टम की भूमिका और कैंसर से जुड़ी जटिलताओं के बारे में भी गहराई से सोचने पर मजबूर करता है।
यह दुर्लभ घटना कैंसर पर रिसर्च के लिए नई दिशा प्रदान करती है। साथ ही यह हमें सिखाती है कि सावधानी और सुरक्षा से ही ऐसे जोखिमों को कम किया जा सकता है।