राज्यपाल जी की इस पहल का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों से अब तक 71 स्कूलों के लगभग 12,021 सरकारी एवं निजी स्कूलों के बच्चे राजभवन का भ्रमण कर चुके हैं। राजभवन के भ्रमण के दौरान बच्चों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले कई स्थानों का अवलोकन करने का अवसर प्राप्त हुआ। बच्चों ने राजभवन में स्थित ऐतिहासिक महाराजा कुर्सी, राजभवन उद्यान, मुख्य भवन, संग्रहालय, जनकक्ष, कर्मयोगी भवन, अन्नपूर्णा कक्ष, तृप्ति कक्ष, कला कक्ष, स्टाम्प एवं मुद्रा कक्ष, गांधी सभागार, पंचतंत्र वाटिका, चिड़ियाघर, नवनिर्मित बोनसाई गार्डन, कमल ताल, बारादरी, धन्वंतरि वाटिका, मियावाकी वन, राजभवन लॉन, हेलीपैड, गौ-शाला और पुस्तकालय जैसे महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण किया। इस भ्रमण के दौरान बच्चों को इन स्थानों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई, जिससे बच्चों को अपनी धरोहर को समझने और उसका सम्मान करने की प्रेरणा मिली।
राज्यपाल जी के इस अभिनव पहल से बच्चों को न केवल शैक्षिक अनुभव प्राप्त हुआ, बल्कि उन्हें देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ। राज्यपाल जी के पहल से राजभवन के बारे में जहाँ आमजन, विशेषकर युवा पीढ़ी को अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का महत्वपूर्ण अवसर मिल रहा है।
इस पहल के माध्यम से न केवल राजभवन के प्रति आम जन की धारणा में बदलाव आया है, बल्कि राजभवन आने वाले आगंतुकों की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। प्रतिवर्ष लगभग 1.5 लाख से अधिक लोग राजभवन का दौरा कर रहे हैं और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता एवं स्वच्छ वातावरण का आनंद ले रहे हैं।