



नई दिल्ली (ब्रेकिंग न्यूज़ एक्सप्रेस ) कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी कैंसर से पीड़ित थी ,लेकिन बेहतर डाइट लेने से वह पूर्णतया ठीक हो गयी। इस तरह का एक बयान सिद्धू ने मीडिया को दिया है जो इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसी वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर कैंसर विशेषज्ञों ने सिद्धू के इस दावे को एक सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा है कि कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडिएशन ही कैंसर के इलाज का आधार है। इस बीमारी पर कोई और जादुई फार्मूला काम नहीं करता।कैंसर विशेषज्ञों ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य सिद्धू पर सनसनी फैलाने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें ,कि सिद्धू की पत्नी को स्टेज -4 स्तन कैंसर था। बतौर सिद्धू ,डॉक्टरों ने उनकी पत्नी के बचने के 3 पर्सेंट चांस बताये थे लेकिन सिद्धू ने आयुर्वेदिक चिकित्षक की सलाह पर उन्हें डेयरी उत्पाद और चीनी न खाकर, खाने में गैप देकर, हल्दी और नीम का सेवन कराकर उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी से बाहर निकाल लिया.
मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के चेयरमैन डॉ. हरित चतुर्वेदी ने बताया, “कैंसर कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज किसी एक जादुई नुस्खे से किया सके। कैंसर का उपचार कैंसर के उपप्रकार, विशिष्ट जेनेटिक परिवर्तनों के आधार पर तय किया जाता है। कैंसर किस अंंग में है, यह कितनी तेजी से फैल रहा है इस पर भी काफी हद तक निर्भर करता है।”
सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. प्रीतम कटारिया ने कहा, “कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडिएशन के जरिए होता है। यह इलाज की रीढ़ की हड्डी है। डाइट कंट्रोल के साथ प्राकृतिक तत्व इसके उपचार की जगह नहीं ले सकते।”
उन्होंने कहा कि नीम और हल्दी के संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि वे कैंसर को ठीक कर सकते हैं।
सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मंदीप सिंह मल्होत्रा ने बताया, “केवल आहार के माध्यम से कैंसर को ठीक करने के दावों में वैज्ञानिक मान्यता का अभाव है। उपचार में एक तरह की डाइट को स्थान दिया जाना चाहिए मगर इस बीमारी के समाधान के रूप में नहीं।”
डॉक्टर चतुर्वेदी ने कहा, “हम लोगों से अपील करते हैं कि वे ऐसी कहानियों से गुमराह न हों जिनमें वैज्ञानिक और डेटा जांच का अभाव है। इस तरह के किस्से आम तौर पर किसी अच्छे उद्देश्य के लिए ईमानदारी से शेयर नहीं किए जाते हैं, बल्कि सनसनी पैदा करने के लिए बताए जाते हैं।