नई दिल्ली(BNE) भारत के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडाणी पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए लंबी रिस्वत देने के आरोप लगे हैं। जिस पर वारंट भी जारी किया गया है। वहीँ दूसरी ओर ,इस मामले को देखते हुए व्हाइट हाउस ने एक अहम् बयान जारी कर कहा है कि हम अडानी मामले से अच्छी तरह से वाकिफ है, लेकिन इसके बावजूद भी भारत और अमेरिका के रिश्तों के बीच किसी तरह का मनमुटाव नहीं होगा। इस तरह का वयान व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने जारी किया है। प्रेस सचिव ने कहा कि हमने इसके पहले भी कई बार कई मुद्दों का समाधान किया है और इस मामले को भी हल करने का भरोसा रखते हैं.”
गौतम अडानी और उनके समूह पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2,250 करोड़ रुपये की रिश्वत ऑफर की. ये प्रोजेक्ट्स अमेरिकी निवेशकों के फंड से विकसित किए गए थे, और आरोपों के अनुसार, इनसे समूह को अगले 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर का मुनाफा होने का अनुमान था. दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए रिश्वत देने के आरोपों को लेकर व्हाइट हाउस ने एक अहम बयान जारी किया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा कि अमेरिका इन आरोपों से वाकिफ है और इस मामले पर नजर रखे हुए है. हालांकि, उन्होंने भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्तों पर जोर देते हुए कहा कि यह मामला द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं डालेगा.
मामले की गंभीरता- अमेरिकी अभियोग के मुताबिक, अडानी समूह और उनकी साझेदार कंपनी एज्योर पावर ने सरकारी स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावाट सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया. लेकिन भारत में सौर ऊर्जा के खरीदार न मिलने के कारण यह डील अटक गई. बड़े नुकसान से बचने के लिए इन कंपनियों पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है.
व्हाइट हाउस ने साफ किया कि इस मामले का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दोनों देशों के बीच सहयोग और दोस्ती मजबूत बनी रहेगी. अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया है. कंपनी का कहना है कि वह सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेगी और इन आरोपों का खंडन करेगी.