बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज(BNE) सर्दी का असर बढ़ना शुरू होने के साथ ही लाख बहोसी पक्षी विहार विदेशी पंछियों के कलरव से गुंजायमान होने लगा है। झील में रंग-बिरंगे विदेशी मेहमानों की मौजूदगी लोगों को आकर्षित करने लगी है। अब चार महीने तक विदेशी पक्षियों का डेरा यहां रहेगा। पक्षी प्रेमी पर्यटकों का पहुंचना भी शुरू हो चुका है।
तिर्वा तहसील क्षेत्र के लाख बहोसी गांव में पक्षी विहार की स्थापना 1986-87 में तत्कालीन सांसद व बाद में दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं स्व.शीला दीक्षित ने की थी। 80 वर्ग किलोमीटर का पक्षी विहार लाख और बहोसी गांव में दो झीलों को मिलाकर बनाया गया है। इसमें बहोसी गांव की 250 हेक्टेयर और लाख गांव की 120 हेक्टेयर जमीन शामिल है। सर्दी शुरू होते ही विदेशी के साथ स्थानीय पक्षी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना शुरू कर देते। 70 से अधिक प्रजाति के स्थानीय तो 60 से अधिक विदेशी प्रजातियों के पक्षी आते हैं। सर्दी खत्म होते ही सभी पक्षी वापस चले जाते हैं। हर साल 10 से 12 देशों के पक्षी आते हैं।
सुविधाओं को बढ़ाने से बढ़ सकता व्यापार
तहसील क्षेत्र में एक मात्र पर्यटक स्थल इस पक्षी विहार में विभाग के अनुसार पिछले साल 2945 लोगों घूमने आए। इनसे टिकट के माध्यम से एक लाख रुपये से अधिक की आय हुई। पक्षी विहार में सुविधाओं के अभाव में पर्यटक विमुख हो रहे हैं। क्षेत्रीय वन अधिकारी विकास सक्सेना ने बताया कि सालाना पांच से छह लाख रुपये आता है वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि सुविधाएं बढ़ाई जाए तो व्याधार मिलेगा।
छह देशों के तीन हजार से ज्यादा पक्षी पहुंचे
क्षेत्रीय वन अधिकारी विकास सक्सेना के मुताबिक इस साल सर्दी शुरू होते ही छह देशों से करीब 25 प्रजाति के तीन हजार से अधिक विदेशी पक्षी आ चुके हैं। साइबेरिया, चाइना, सेंट्रल एशिया, नार्दन यूरोप, तिब्बत, नार्दन एशिया, सेंट्रल यूरोप, रुस, यूक्रेन समेत करीब 12 देशों से 55 से 70 प्रजाति के पक्षी आते हैं। इस समय में करीब 7500 स्थानीय और 2500 से अधिक विदेशी पक्षी झील में अठखेलियां कर रहे हैं।