बृजेश चतुर्वेदी (BNE)
कन्नौज। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लवली जायसवाल एवं मध्यस्थ अधिवक्ता प्रेम चन्द्र शर्मा ने 4 साल से चल रहे वैवाहिक विवाद के मामले को सुलझाते हुये विवाद का अंतिम रूप से निस्तारण करा दिया गया। पीडिता द्वारा अपने पति एवं ससुरालीजन के विरुद्ध थाना गुरसहायगंज में दहेज प्रताडना का वाद वर्ष 2019 में दर्ज कराया गया था जिसका निस्तारण सुलह समझौते के माध्यम से आज प्राधिकरण द्वारा करा दिया गया।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्ययोजना 2024-25 के क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आज तहसील छिबरामऊ स्थित शौ शैय्या अस्पताल एवं तहसील तिर्वा में स्थित ग्राम न्यायालय ने महिलाओं की सुरक्षा एवं कल्याण से संबंधित कानूनों एवं लैंगिक समानता के प्रावधानों के संबंध में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की देख रेख में किया गया।
तहसील छिबरामऊ में स्थित सौ शैय्या अस्पताल में आयोजित शिविर में पराविधिक स्वयं सेवक साजिब मोसमीन द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं को बताया गया कि महिलाओं के कानूनी अधिकार के प्रति महिला को ही सजग रहना होगा महिलाये, माता बहने परिवार की अग्रणी सदस्य है उनके बैगर परिवार अपूरा है उनका सम्मान करना अनिवार्य है। महिलाओं के लिये सवैधानिक तौर पर कानून बनाये गये है, महिलाओं को समान कार्य कर समान वेतन कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन कानून, महिला उत्पीडन, भरण पोषण महिलाओं के मदद के लिये महिला थाना, महिला हेल्पडेस्क, महिला हेल्प लाईन इत्यादि और महिलाओं को रात में गिरफ्तार न करने का कानून बनाये गये है। महिलाओं के कानूनी अधिकार जैसे कामकाजी महिलाओं का मातृत्व संबंधी अधिकार कार्यस्थल पर छेड़छाड़ यौन उत्पीड़न से सरंक्षण का अधिकार पुरुषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार पर विस्तृत चर्चा करते हुये बताया कि महिलाओं के मदद के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तत्पर है। प्राधिकरण में किसी मामले की पीडित महिला अथवा बच्चे द्वारा एक सादे कागज पर भी अपनी समस्या को लिखित तौर पर प्रस्तुत करने पर त्वरित कार्यवाही करते हुये विधिक सहायता प्रदान की जाती है।
तहसील तिर्वा में स्थित ग्राम न्यायालय में पराविधिक स्वयं सेवक अजीत द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि प्रसव पूर्व भ्रूण लिंग की जाँच करवाना अपराध है। कन्याभूण हत्या एवं गिरते लिंग अनुपात को रोकते हुये उक्त अधिनियम बनाया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि यदि गर्भ 20 सप्ताह से अधिक न हो ऐसे में गर्भ में बने रहने से गर्भवती स्त्री का जीवन जोखिम में होगा अथवा पैदा होने वाला बच्चा शारीरिक या मानसिक असमानताओं पीडित होगा तो ऐसा गर्भ पंजीकृत चिक्रिवाक द्वारा समाप्त किया पा सकेगा एवं PoSH अधिनियम 2013 के विषय पर जानकारी ढि गयी।
सचिव द्वारा लोक अदालत के लाभ को बताते हुये आगामी दिनांक 14 दिसम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के शमनीय वाद चेक बाउंस के मामले, श्रम, बिजली एवं जल संबंधी वाद वैवाहिक एवं पारिवारिक वाद चालन संबंधी वाद का अधिक से अधिक निस्तारण कराने हेतु आम जन मानस को जागरूक कर पम्पप्लेटस का वितरण कर लोक अदालत के लाभों के बारे में विस्तार से बताया गया साथ ही साथ यह भी बताया गया कि लघु आपराधिक मामलों के निस्तारण हेतु दि० 11से 13 दिसम्बर तक विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।