बृजेश चतुर्वेदी(BREAKING NEWS EXPRESS )
तिर्वा। तीन साल से बंद पड़े काऊ मिल्क प्लांट का 28 सितंबर को पशुपालन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन मंत्री ने निरीक्षण किया था। मंत्री ने जल्द ही प्लांट शुरू होने का आश्वासन दिया था। एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी प्लांट का ताला नहीं खुल सका।
वर्ष 2018 में 156 करोड़ की लागत से एक लाख लीटर दुग्ध की क्षमता का काऊ मिल्क प्लांट बना था और दिसंबर 2019 में प्लांट शुरू हो गया था। बजट के अभाव में किसानों के भुगतान में देरी होने लगी। समय से भुगतान न होने पर किसानों ने दूध देना बंद कर दिया। दूध के अभाव में प्लांट बंद हो गया।
बंद पड़े प्लांट का 28 सितंबर को पशुपालन एवं दुग्ध विकास राजनैतिक पेंशन मंत्री धर्मपाल सिंह की लागत से एक लाख लीटर दुग्ध की क्षमता का काऊ मिल्क प्लांट बना था। और दिसंबर 2019 में प्लांट शुरू हो गया था। बजट के अभाव में किसानों के भुगतान में देरी होने लगी। समय से भुगतान न होने पर किसानों ने दूध देना बंद कर दिया। दूध के अभाव में प्लांट बंद हो गया।
बंद पड़े प्लांट का 28 सितंबर को पशुपालन एवं दुग्ध विकास राजनैतिक पेंशन मंत्री धर्मपाल सिंह ने निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद मंत्री ने कहा कि बंद पड़े प्लांट को शुरू कराने के लिए अधिकारियों ने सही समय पर निर्णय लिया होता तो आज प्लांट बंद नहीं होता। कहा कि किन कारणों से प्लांट बंद हुआ है, उस पर कार्य किया जाएगा और समितियों के माध्यम से दुग्ध की खरीद कर जल्द ही प्लांट को चालू किया जाएगा।
वहीं, कर्मचारियों के बकाया भुगतान पर कहा कि जब प्लांट चलने लगेगा तो बकाया भुगतान की भी कोई समस्या नहीं रह जाएगी। मंत्री के निरीक्षण को एक महीना से अधिक समय बीत गया, लेकिन दुग्ध प्लांट को लेकर अभी तक कोई हलचल नहीं है। जीएम अमित यादव से जानकारी करने का प्रयास किया तो कॉल ही रिसीव नहीं हुई।