बृजेश चतुर्वेदी(BNE)
कन्नौज। मुख्य अतिथि विधायक तिर्वा कैलाश राजपूत तथा जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर नमामि गंगे एवं नेशनल मिशन आन एडिबल आयल (आयलसीड) योजनान्तर्गत किसान मेला/कृषि प्रदर्शनी तथा कृषि सूचना तंत्र के सुदृढीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत रबी उत्पादकता गोष्ठी-2024-25 कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर विधायक श्री राजपूत ने उपस्थित कृषकों से अपील की कि वह प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप नैनो डी0ए0पी0 एवं नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा दें तथा उत्पादन लागत में कमी लाये। वह रबी फसलों की अधिकतम पैदावार प्राप्त करने के लिए उन्नतशील बीजों एवं उर्वरकों का सन्तुलित प्रयोग तथा वैज्ञानिकों द्वारा बतायी गयी तकनीकी अपनाकर अधिक से अधिक लाभ उठायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि कृषकों की आय दो गुनी करने के लिए किसान भाई उन्नत तकनीकी से उत्पादन बढ़ाने एवं उत्पादन लागत में कमी करना तथा कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण, ब्रान्डिंग, पैकेजिंग एवं विपणन महत्वपूर्ण पहलू है। कृषको को नैनो डी0ए0पी0, नैना यूरिया के प्रयोग, रासायनिक कृषि रक्षा उपायों के साथ जैविक कृषि रक्षा उपायों का प्रयोग करने, भूगर्भ-जल को संरक्षित करने तथा मृदा स्वास्थ्य को सुदृढ बनाने के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया गया कि कृषक फसल अवशेषों को जलाये नहीं क्योंकि पर्यावरण संरक्षण एक वैश्विक जम्मेदारी है, किसान भाई स्वेच्छा से फसल अवशेष/पराली को निराश्रित गोवंश स्थलों पर भी दे सकते है।
उप कृषि निदेशक प्रमोद सिरोही द्वारा कृषि प्रदर्शनी/गोष्ठी की संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया गया कि वर्तमान में रबी उत्पादकता कार्यक्रम की गतिविधियाॅ प्रगति पर हैं जिसमें उनके द्वारा रसायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करने एवं जैविक खेती को बढ़ावा दिये जाने तथा दानेदार डी0ए0पी0 एवं यूरिया के स्थान पर नैनो डी0ए0पी0 तथा नैनो यूरिया का अधिक से अधिक प्रयोग किये जाने का सुझाव दिया गया। उप कृषि निदेशक द्वारा यह भी बताया गया कि जनपद में धान की पराली जलाये जाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है जो कि एक दण्डनीय अपराध है इसके लिए किसानों से अपील की गयी कि वह फसल अवशेषों को खेतों में न जलाये बल्कि उनको सड़ाकर खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ायें।
डा0 अरविन्द कुमार सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र अनौगी द्वारा कृषकों को अन्धाधुन्ध उर्वरकों के प्रयोग को रोकने तथा फसलों में मिट्टी की जाॅच के आधार पर आवश्यकतानुसार सन्तुलित उर्वरकों के प्रयोग के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देने के साथ-साथ उपस्थित कृषकों को रबी में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल गेंहॅू की खेती की नवीनतम तकनीकी जानकारी यथा-प्रजातियों का चयन, बुवाई का उपयुक्त समय, जल प्रबन्धन, फसल सुरक्षा आदि के बारे में बताया गया।
मानवेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय प्रबन्धक इफको द्वारा कृषकों को नैनो डी0ए0पी0 एवं नैनो यूरिया की प्रयोग विधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया गया कि इस उत्पाद की 01 बोतल 01 बोरी दानेदार खाद के बराबर कार्य करती है।
डा0 अमर सिंह वरिष्ठ उद्यान वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र अनौगी द्वारा आलू की खेती की विस्तार पूर्वक तकनीकी जानकारी देते हुए बताया गया कि जनपद में किसान भाई आलू की सिंचाई करने से पूर्व ही यूरिया की टाॅप ड्रेसिंग कर देते हैं जो कि उचित नहीं है। फसलों में यूरिया की टाॅप ड्रेसिंग सिंचाई करने के उपरान्त ही किये जाने की सलाह दी गयी। इसके साथ उनके द्वारा आलू बीज उत्पादन तकनीकी एवं सब्जी वाली मटर की खेती की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राम कृपाल चौधरी जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी-मत्स्य, सहायक अभियंता नलकूप तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डा0 अमर सिंह एवं डा0 अरविंद कुमार आदि जनपद स्तरीय अधिकारियों सहित लगभग 450 प्रगतिशील कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।