ईडी की जांच में उजागर हुआ तस्करी का चौंकाने वाला नेटवर्क
भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कनाडा-अमेरिका सीमा के जरिए भारतीय नागरिकों की अवैध तस्करी से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की है। यह जांच 2022 में गुजरात के डिंगुचा गांव के एक परिवार की सीमा पार करते हुए ठंड से हुई मौत के बाद तेज हुई।
ईडी ने गुजरात के भावेश अशोकभाई पटेल समेत अन्य पर अवैध तस्करी नेटवर्क चलाने का आरोप लगाया है। इन अभियुक्तों ने कनाडाई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के नाम पर छात्रों का वीजा दिलवाया, लेकिन वे संस्थानों में पढ़ाई करने के बजाय अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल हुए। तस्करी नेटवर्क ने प्रत्येक व्यक्ति से 55-60 लाख रुपये तक की भारी रकम वसूली।
जांच के दौरान, ईडी ने मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में कई ठिकानों पर छापे मारे, जहां विदेशी कॉलेजों के साथ संस्थाओं के संदिग्ध संबंध सामने आए। कुछ एजेंसियां हर साल हजारों छात्रों को विदेश भेजने में शामिल थीं, जिनमें से कई कनाडा से अमेरिका की अवैध सीमा पार कराते थे।
ईडी ने जांच में 262 कनाडाई कॉलेजों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जिनमें से कुछ मानव तस्करी गतिविधियों में संलिप्त हो सकते हैं। तलाशी के दौरान, ईडी ने 19 लाख रुपये की बैंक जमा राशि और कई डिजिटल डिवाइस जब्त की हैं।
यह रैकेट भारतीय नागरिकों को छात्र वीजा के नाम पर अमेरिका पहुंचाने का झांसा देकर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहा था। मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं, और जांच अभी जारी है।