हरे माधव सत्संग की गूंज से झूम उठे भक्तजन
सतगुरु साहिबान जी के महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश वासी भक्तगण,श्री दर्शन व पावन सत्संग सुनने हुजूम उमड़ पड़ा – सत्संग श्रवण कर श्रद्धालु निहाल हुए
वर्तमान डिजिटल युग में सतगुरु के श्रीमुख से पावन आध्यात्मिक सत्संग सुनने व आत्मिक आनंद की लहर से लोक परलोक सवेरा होता है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


गोंदिया – वैश्विक स्तरपर सर्वविदित है कि जब-जब धरा पर दैत्यों कष्टों कालों के प्रहार से पृथ्वी के जीवन पर अत्याचार दमन होता है तो, पूर्ण सतगुरु हरिराया का किसी न किसी रूप में जन्म होता है और इन अत्याचारों से आत्माओं का भला कर जीवन जीने की सच्ची व सही राह दिखाकर अपने सही असली जामें में प्रवास कर जाते हैं। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्यों कि 23 से 25 मार्च 2025 तक महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के गोंदिया तिरोडा बालाघाट वरासिवनी सहित अनेक नगरों में हरीराय सतगुरु बाबा ईश्वर शाह साहिब जी का पावन सत्संग व दर्शन श्रवण कर ऐसा लगा मानो अंधेरी रात्रि में पूर्णिमा का दमकता प्रकाश फैल गया है,इन तीनों सत्संगों में मैंने हाजिर रहकर रिपोर्टिंग तैयार की है। मैंने देखा कि दोनों राज्यों के तीनों नगरों में हरीराय सतगुरु जी के नगर आगमन की खुशी में भारी मात्रा में भक्तों का हुजूम उमर पड़ा स्वागत में, नर्मदा आरती, ढोल नगाड़ा शहनाई के साथ श्रद्धा भाव से पुष्प वर्षा गुलाब की पंखुड़ियां व आतिशबाजी से स्वागत करने के साथ ही नियमों कानूनी दिशा निर्देशों का पालन कर हरे माधव सत्संग महाराष्ट्र एमपी के सत्संग वाले नगरोंमें किया गया जिसे देश-विदेश की संग़तो ने लाभ उठाया। चूँकि सतगुरु साहिब जी की महाराष्ट्र मध्य प्रदेश वासी भक्तगण श्री दर्शन व पावन सत्संग सुनने हुजूम उमड़ा, सत्संग श्रवण कर दयालु भाव विभोर हुए, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, हरीराय सतगुरु की महाराष्ट्र मध्यप्रदेश परमार्थी यात्रा से रूही आत्माएं, भक्तजन निहाल हुए हरे माधव की गूंज से इस धरा पर झूम उठे भक्तजन।
साथियों बात अगर हम दिनांक 23 मार्च 2025 के गोंदिया सत्संग की करें तो, 22 मार्च का दिन भक्तों के लिए एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभूति से परिपूर्ण था। इस दिन पूरे नगर ने सतगुरु बाबा जी का स्वागत भव्यता, श्रद्धा और उत्साह के साथ किया। ऐसा लग रहा था मानो पूरा ब्रह्मांड इस पावन क्षण का साक्षी बनने के लिए एकत्रित हो गया हो। बाबाजी का नगर में पदार्पण होते ही वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया। बाबाजी के स्वागत के लिए शहर को भव्य रूप से सजाया गया था। शोभायात्रा मार्ग के दोनों ओर भक्त श्रद्धा से खड़े थे, उनकी आँखों में प्रेमाश्रु छलक रहे थे। जैसे ही बाबा जी का आगमन हुआ, समूचा वातावरण मंगल ध्वनियों, भजन-कीर्तन और जयघोष से गूंज उठा। आतिशबाजियों की रौशनी से आकाश जगमगा उठा, ढोल- नगाड़ों की गूंज और लोक कलाकारों के नृत्य ने समूचे दृश्य को दिव्यता से भर दिया। सड़कों पर जहां-जहां से बाबा जी का आगमन हुआ,वहां श्रद्धालु पुष्पवर्षा कर रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं देवगण भी इस पुण्य अवसर पर आकाश से पुष्पवर्षा कर रहे हों। शोभायात्रा मार्ग को भव्य स्वागत द्वारों से सजाया गया था, जिनपर आध्यात्मिक प्रतीकों और प्रेरणादायक वचनों की मनमोहक सजावट थी। शहर की हर गली और चौराहा रंगीन पताकाओं, रोशनी की लड़ियों और दीपमालाओं से सुसज्जित था, जो इस दिव्य अवसर की गरिमा को और बढ़ा रहे थे।शोभायात्रा के समापन पर महाकुंभ की भव्य झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने इस आध्यात्मिक उत्सव को और भी दिव्य बना दिया। इस झांकी ने यह प्रदर्शित किया कि पूज्यनीय बाबा जी समस्त तीर्थों के तीर्थ हैं, जहाँ न केवल मानव, बल्कि देवता, दिव्य आत्माएँ, सिद्ध, गंधर्व, सभी उनके श्रीचरणों में समर्पित होते हैं। इस झांकी के माध्यम से बाबा जी की अपार महिमा और उनकी दिव्य सत्ता का अनूठा दर्शन कराया गया, जिसने उपस्थित साधसंगत को भाव-विभोर कर दिया। इस पूरे दिव्य अवसर पर बाबा जी ने अपनी अनुकंपा की वर्षा करते हुए साधसंगत को अपने मधुर, करुणामयी और आनंदमयी दर्शन से कृतार्थ किया उनकी एक झलक मात्र से ही श्रद्धालुओं का रोम-रोम पुलकित हो उठा। बाबा जी की सौम्य मुस्कान और दिव्य दृष्टि ने समस्त भक्तों के हृदयों में अपार आनंद और प्रेम का संचार कर दिया। यह संपूर्ण अवसर शब्दों में व्यक्त करना अत्यंत कठिन है। यह केवल अनुभूति का विषय था एक ऐसा अनुभव जो हर भक्त के हृदय में सदा-सदा के लिए अंकित हो गया।
साथियों बात अगर हम 24 मार्च 2025 को तिरोडा सत्संग की करें तो, गोंदिया परमार्थी यात्रा के दौरान 24 मार्च 2025 को तिरोडा के प्रेमी भक्तों की विनय पुकार सुन हरिराया तिरोड़ा पधारे। कई वर्षों के लंबे अंतराल, प्रेमी भक्तों की विरह पुकार सुन सतगुरु साईंजन ने सभी सागर वासियों को पावन श्रीदर्शन से निहाल किया।का श्रीदर्शन पाकर ऐसा लगा मानो अंधियारी रात्रि में पूर्णिमा का दमकता प्रकाश फैल गया हो। हरिराया सतगुरु जी के नगर आगमन की खुशी में भारी संख्या में प्रेमी भक्तों का हुजूम एकत्रित हुआ जिसमें सागर सहित अनेक नगरों-कस्बों से भक्तगण आए। सतगुरु साहिबान जी का भव्य स्वागत श्रद्धालु भक्तें ने ढोल-नगाड़ों, शहनाइयों के साथ श्रद्धाभाव,पुष्प वर्षा एवं आतिशबाजी से किया। पूरा मार्ग हरे माधव, हरे माधव के नाद से गुंजायमान था। सारे मार्ग में हरे माधव की झण्डियां लहरा रहीं। राह में अखियाँ बिछाए खड़े भक्त,नैनों में आँसु और हाथों में प्रेम के पुष्प लिए सतगुरु श्रीचरणों में सत्कार कर रहीं भक्तगणों के विशाल समूह के साथ सतगुरु जी ने नवनिर्मित हरे माधव सत्संग भवन का उद्घाटन किया, पावन वचन मोतियों से सभी को निहाल किया। सतगुरु महाराज जी की प्रतिक्षा कर रहा, वहां भी हजारों संगतों को मध्य रात्रि तक श्री दर्शन आसीस से आपजी ने निहाल किया।
साथियों बात अगर हम 25 मार्च 2025 को बालाघाट और नैनपुर सत्संग की करें तो, प्रभु रुप सतगुरु जी की श्री चरण रज पाकर धन्य धन्य हुई बालाघाट की संगतें, सौभाग्य से प्राप्त होता है सतगुरु दर्शन एवं उनके पावन सानिध्य में सत्संग की अमृतवाणी श्रवण का लाभ सुअवसर प्राप्त हुआ। पूरण सतगुरु भगति की प्यासी जीवात्माओं की करुण पुकार अवश्य स्वीकार करते हैं। हरिराया सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी की असीम अनुकम्पा, हरेमाधव सत्संग के रूप में मंगलवार 25 मार्च को बालाघाट के प्रेमी भगत जनों पर बरसी। पूरण सतगुरु का दिव्य सत्संग, पावन दर्शन सौभाग्य से मिलता है, बालाघाट वासी सौभाग्यशाली है कि हमें माधवनगर कटनी हरेमाधव दरबार के सिद्ध संत हरिराया सतगुरु सांई ईश्वरशाह का सानिध्य दर्शन प्राप्त हुआ, हरेमाधव सत्संग की सद् ग्रंथ की वचन वाणियों, सतगुरु दर्शन , सतगुरु मुखारविंद से अमृत वर्षा से आत्म स्नान करने अनेक नगरों से संगतें बालाघाट पधारी जो इस पावन अवसर पर हरिराया सतगुरु मेहर कृपा की अमृत वर्षा में भीगी जी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विशेषण विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हरीराया सतगुरु की महाराष्ट्र मध्यप्रदेश परमार्थी यात्रा से भक्तजन निहाल हुए- हरे माधव सत्संग की गूंज से झूम उठे भक्तजन। सतगुरु साहिबान जी के महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश वासी भक्तगण, श्री दर्शन व पावन सत्संग सुनने हुजूम उमड़ पड़ा – सत्संग श्रवण कर श्रद्धालु निहाल हुए वर्तमान डिजिटल युग में सतगुरु के श्रीमुख से पावन आध्यात्मिक सत्संग सुनने व आत्मिक आनंद की लहर से लोक परलोक सवेरा होता है।
*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425*