



LUCKNOW :राजभवन किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि जनता का है -राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति, कला, अध्यात्म और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित करते हुए विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में सिरमोरी नाटी नृत्य, हाटी की नाटी नृत्य, पडुआ नृत्य, सिंहटू नृत्य तथा लंबड़ा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियों ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राजभवन परिसर में हिमाचल प्रदेश की लोक परंपराओं, पर्वतीय जीवनशैली, अध्यात्म, प्राकृतिक विशेषताओं और कला को प्रतिबिंबित करती रंगोली एवं प्रदर्शनी आयोजित की गई। इन कलात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल की विविधता और सौंदर्य को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया। साथ ही हिमाचल प्रदेश पर आधारित एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें राज्य की भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक विशेषताओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने सभी कलाकारों को उनकी खूबसूरत प्रस्तुतियों के लिए हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां के लोग कठिन परिस्थितियों में भी एक-दूसरे की सहायता करते हुए प्रसन्नतापूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं। हिमाचल के विद्यार्थी पढ़ाई भी इन्हीं चुनौतियों के बीच करते हैं तथा जीवन में आगे बढ़ते हैं।
राज्यपाल जी ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग अत्यंत शांतिप्रिय और धैर्यवान होते हैं, क्योंकि पहाड़ों में जीवन आसान नहीं होता। वहां की महिलाएं भी अत्यंत मेहनती होती हैं, जो अपने हाथों से सुंदर उत्पाद तैयार करती हैं। प्रशासन के सहयोग से वे इन आकर्षक उत्पादों को पर्यटकों तक पहुँचाती हैं, जिससे न केवल उनकी आय बढ़ती है बल्कि राज्य की पहचान भी दूर-दूर तक पहुँचती है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन किसी भी देश के लिए रोजगार देने वाला सबसे बेहतर क्षेत्र होता है। जब पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, तो समाज के हर वर्ग को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। पर्यटन से स्थानीय हस्तशिल्प, संस्कृति, खानपान, परिवहन और कई अन्य क्षेत्रों को भी विकास की गति मिलती है, जिससे पूरे क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित होती है। उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज, शिमला का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां स्थापित उन्नत अग्निशमन तंत्र टेक्नोलॉजी का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिससे हमें सीख लेकर पूरे देश में इस प्रकार की व्यवस्था लागू करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने अपने हिमाचल प्रदेश के भ्रमण का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की लाइब्रेरी शोध और ज्ञान का समृद्ध केंद्र है। इस लाइब्रेरी में देश-विदेश से शोधकर्ता आते हैं और विभिन्न विषयों पर गहन रिसर्च करते हैं। यह दर्शाता है कि हिमाचल प्रदेश केवल प्राकृतिक सुंदरता का ही नहीं, बल्कि बौद्धिक और शैक्षिक समृद्धि का भी केंद्र है।
राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश के राजभवन और मुख्यमंत्री आवास का उल्लेख करते हुए कहा कि पहाड़ियों पर बने ये भवन अत्यंत सुंदर हैं और इन्हें आमजन के भ्रमण हेतु खोला गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार उत्तर प्रदेश का राजभवन भी जनता के लिए खुला है, जहां सुबह और शाम लोग वॉकिंग के लिए आते हैं, विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण करते हैं।
उन्होंने कहा कि राजभवन किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि जनता का है, इसलिए इसे जनता के लिए खोला गया है। उन्होंने बताया कि राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी मिलकर राजभवन में अनेक प्रवृत्तियों का संचालन करते हैं, जैसे कि सभी राज्यों का स्थापना दिवस, जिससे हम देश के अन्य राज्यों की सांस्कृतिक और भौगोलिक विशेषताओं से परिचित होते हैं।
राज्यपाल जी ने विशेष रूप से राजभवन में आयोजित संविधान दिवस की चर्चा करते हुए बताया कि इस अवसर पर आयोजित मूट कोर्ट में अधिकारियों की प्रस्तुति अत्यंत सराहनीय रही, जिससे सबको संविधान के महत्व और उसकी जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि यहां कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों में अनेक प्रकार के गुण विद्यमान हैं और इस प्रकार की प्रवृत्तियां उनके प्रतिभा को सामने लाने में सहायक सिद्ध होती हैं।
राज्यपाल जी ने यह भी कहा कि राजभवन में पूरे वर्ष विभिन्न गतिविधियां होती रहती हैं और सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि हर कर्मचारी को किसी न किसी क्षेत्र में एक्सपर्ट होना चाहिए और सभी को अन्य राज्यों का भ्रमण अवश्य करना चाहिए ताकि हम अपने देश की विविधता और समृद्ध संस्कृति को गहराई से समझ सकें।
कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश से आए कलाकारों के दल प्रमुखों ने हिमाचल की संस्कृति, सौहार्द और अतिथि सत्कार की भावना के प्रतीक के रूप में राज्यपाल जी को पारंपरिक हिमाचली टोपी और मफलर भेंट कर उनका सम्मान किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा, विशेष सचिव राज्यपाल श्रीप्रकाश गुप्ता, कुलसचिव भातखंडे विश्वविद्यालय सृष्टि धवन, सहायक निदेशक संस्कृति रीनू रंगभारती, कार्यक्रम अधिशासी संस्कृति कमलेश पाठक, कलाकारगण, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारीगण सहित अन्य महानुभाव उपस्थित थे।