



LUCKNOW :केन्द्र सरकार की लगभग 4 दर्जन योजनाओं में उ0प्र0 प्रथम स्थान पर-CM YOGI
मीडिया अपनी जीवंत उपस्थिति के माध्यम से एक आम नागरिक को अपने साथ जोड़ सकती
इन्सेफेलाइटिस प्रदेश से पूरी तरह समाप्त


मुख्यमंत्री जी ने 77 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए अमर उजाला परिवार को बधाई देते हुए कहा संवाद का यह कार्यक्रम अमर उजाला परिवार ने आज यहां प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित किया है। लखनऊ की पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही है। यह शहर अपने साथ एक विरासत लेकर चला है। लखनऊ प्रदेश तथा इसके लिए बन रही नीतियों का केन्द्र बिंदु है। संवाद का यह कार्यक्रम लखनऊ के माध्यम से प्रदेश के 25 करोड़ जनमानस तक न केवल पहुंचेगा, बल्कि उन 25 करोड़ लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व इस मंच के माध्यम से इन दो दिनों में होता हुआ दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 77 वर्षों में अमर उजाला परिवार ने स्वयं को प्रधानमंत्री जी के संकल्प के साथ जोड़ा है। वर्ष 2047 में देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा। हमें तय करना पड़ेगा कि वर्ष 2047 का भारत कैसा होगा तथा इसमें मीडिया की क्या भूमिका होगी। अमर उजाला समूह को अपने पाठकों को अवगत कराना पड़ेगा कि विगत 100 वर्षों में इस समूह ने देश के समग्र विकास में क्या योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यह देश की आस्था का केन्द्र बिन्दु भी है। देश के हर कोने में रह रहे नागरिक जीवन में कम से कम एक बार यहां आने को उत्सुक रहते हैं। प्रत्येक भारतवासी उत्तर प्रदेश के साथ अपनी पहचान स्थापित करने को आतुर रहता है। यह अनायास ही नहीं हुआ। देश के पूर्वी हिस्से में रहने वाले लोग कहते हैं कि माता रुक्मणी ने यहीं से जाकर उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से विवाह किया था। पश्चिम के लोग उत्तर प्रदेश से इस भावना से जुड़ते हैं कि यहीं से भगवान श्रीकृष्ण द्वारका गए थे। दक्षिण के लोगों का कहना है कि हनुमान जी ने कर्नाटक में जन्म लिया था और अब उनकी पूजा हनुमानगढ़ी, अयोध्या में होती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माँ गंगा गंगोत्री से निकल कर गंगा सागर तक प्रत्येक राज्य को समभाव के साथ अपना आशीर्वाद देती हैं। गंगा एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में दुनिया की सबसे उर्वर भूमि स्थित है। यह भारत की आस्था का केन्द्र बिन्दु बना है। आप सभी ने इसका वृहद स्वरूप देखा होगा, जब 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच प्रयागराज की धरती पर महाकुम्भ का आयोजन करने का हमें अवसर प्राप्त हुआ। महाकुम्भ में हमें डबल इंजन सरकार का सामर्थ्य, प्रदेश के लोगों की आतिथ्य सत्कार की परम्परा और देश-विदेश के लोगों की यहां आने की उत्सुकता देखने को मिली। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा तथा असम आदि प्रदेशों के श्रद्धालु और संत प्रदेश में इस 45 दिवसीय आयोजन से जुड़े। नेपाल और भूटान से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन आए थे। दुनिया के 100 से अधिक देशों के श्रद्धालु भी महाकुम्भ के साक्षी बने थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया में इतने लम्बे समय तक चलने वाला आयोजन तथा विशाल संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति का विहंगम दृश्य पहली बार प्रदेश में प्रयागराज की धरती पर देखने को मिला। यह हमारा सौभाग्य था कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए जो व्यवस्थाएं की थीं, उन व्यवस्थाओं को देखकर प्रत्येक श्रद्धालु यहां से अभिभूत होकर जाता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वही उत्तर प्रदेश है, जहां पहले हर दूसरे-तीसरे दिन दंगे होते थे। आज उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त है। प्रदेश में हर जाति, मत, मजहब, भाषा आदि से जुडे़ पर्व और त्योहार भव्यता, उत्साह व उमंग के साथ आयोजित किये जाते हैं। प्रदेश को इस परिवर्तन, शान्ति, उत्साह और उमंग का लाभ प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 12 लाख 75 हजार करोड़ रुपये थी। आज यह बढ़कर लगभग 30 लाख करोड़ रुपये हो गयी है। जब देश आजाद हुआ था, तो उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर या उससे कम थी। उस समय खेती, किसानी तथा पशुधन अर्थव्यवस्था का आधार होते थे। वर्ष 2017 तक पहुंचते-पहुंचते उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय की एक तिहाई रह गयी थी। वर्ष 2016-17 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 46 हजार रुपये थी, अब यह बढ़कर 01 लाख 10 हजार रुपये से ऊपर हो गयी है। आने वाले समय में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 01 लाख 25 हजार रुपये तक होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस बीमारी से 40 वर्षों में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। आज इन्सेफेलाइटिस प्रदेश से पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। प्रदेश ने प्रत्येक सेक्टर में नई छलांग लगाई है। राज्य ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ की अवधारणा पर आगे बढ़ रहा है। यहां की अवसंरचना में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रदेश में एक्सप्रेस-वे व भारतीय रेल का सबसे बड़ा और हाईवे का सबसे अच्छा नेटवर्क है। 04-लेन इन्टर स्टेट कनेक्टिविटी प्राप्त हो चुकी है। हर डिस्ट्रिक हेडक्वार्टर 04-लेन कनेक्टिविटी से जुड़ चुका है। यहां देश की पहली रैपिड रेल तथा पहला इन्लैण्ड वॉटर-वे है। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक शहरों में मेट्रो का संचालन करने वाला राज्य है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में निवेश का बेहतरीन वातावरण निर्मित हुआ है। विगत 08 वर्षों में प्रदेश में 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतारा जा चुका है। 33 सेक्टोरल पॉलिसीज के साथ हम कार्य कर रहे हैं। सिंगल विण्डो सिस्टम ‘निवेश मित्र’ के माध्यम से उद्यमियों और निवेशकों को 500 से अधिक स्वीकृति एक साथ देने का कार्य किया जा रहा है। निवेश सारथी पोर्टल के माध्यम से एम0ओ0यू0 की मॉनीटरिंग की जा रही है। उत्पादन प्रारम्भ होने पर निवेशकों को ऑनलाइन इन्सेंटिव प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2024-25 में ही अब तक 04 हजार करोड़ रुपये से अधिक के इन्सेंटिव प्रदान किये जा चुके हैं। आजादी के बाद किसी भी सरकार द्वारा इतने इन्सेंटिव नहीं प्रदान किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी घोषणाओं को अक्षरशः धरातल पर उतारने का काम किया है। केन्द्र सरकार द्वारा चलाए जाने वाली लगभग 04 दर्जन योजनाओं में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। जहां देश में 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा प्राप्त हो रही है, वहीं उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ लोग इस सुविधा से लाभान्वित हो रहे हैं। देश में 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड की सुविधा मिल रही है। प्रदेश में 10 करोड़ लोग इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। देश में 04 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की सुविधा मिली है। प्रदेश में 60 लाख लोगों को आवास की सुविधा प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एम0एस0एम0ई0 के सबसे बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ है। राज्य खाद्यान्न उत्पादन में अपनी पहचान पुनर्स्थापित कर चुका है। पहले यहां की चीनी मिलें बन्दी के कगार पर थीं। आज 122 चीनी मिलें चल रही हैं। इन चीनी मिलों में 105 चीनी मिलें ऐसी हैं, जो एक सप्ताह के अन्दर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। शेष चीनी मिलों को भी समयबद्ध भुगतान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वर्ष 1996 से वर्ष 2017 तक किसानों को जितने गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया था, विगत 08 वर्षों में हमने इससे 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक यानी 02 लाख 80 हजार करोड़ रुपये किसानों के खातें में भेजे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लिए हमें राष्ट्र नायकों को सम्मान देना पड़ेगा। प्रधानमंत्री जी ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में देश को पंचप्रण का मंत्र प्रदान किया था। पंचप्रण का एक संकल्प यह भी है कि राष्ट्र नायकों का सम्मान होना चाहिए। राष्ट्र नायकों को विस्मृत कर कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता।
इस अवसर पर हिन्दी दैनिक अमर उजाला के प्रबन्ध निदेशक तन्मय माहेश्वरी, निदेशक वरुण माहेश्वरी, नेशनल एडिटर डॉ0 इन्दुशेखर पंचोली, स्थानीय सम्पादक विजय त्रिपाठी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, सूचना निदेशक शिशिर, अपर सूचना निदेशक अशुंमान राम त्रिपाठी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
—