बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लवली जायसवाल द्वारा आज संयुक्त जिला चिकित्सालय के सभागार में भारतीय देहदान दिवस के अवसर पर जरूरत मंद लोगो की मदद के लिये समाज को अंग दान करने के प्रोत्साहन के उद्देश्य से विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में सीएमएस डॉ शक्ति बसु , डिप्टी सी०एम०ओ०, डॉ बृजेश शुक्ला, डॉ भूपेश कुमार, डॉ रवि कुमार, डॉ प्रियंका, डॉ नीलिका त्रिपाठी, पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल एवं पराविधिक स्वयं सेवक शुभा नितिन, शिवाशु, एवं जगदीश उपस्थित रहे।
सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित नर्सिंग छात्राओं एवं आमजनमानस को अंगदान के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि अंगदान एक जीवन रक्षक कार्य है जिसमें जरूरतमंदों के जीवन को बदलने की शक्ति है, अंगदान के रूप में पंजीकरण करके आप अपने जान के बाद भी किसी को जीवन का उपहार दे सकते हैं, मृत्यु के बाद अंगदान एक निष्पक्ष और नैतिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों का पालन करता है।
इसी क्रम में आयोजित शिविर में डॉ शक्ति बसु डॉ बृजेश शुक्ला द्वारा बताया गया कि एक मृत व्यक्ति भी अपने अंग दान कर सकता है, दुर्घटना के कारण मृत्यु में 5-6 घण्टे तक में अंगदान किया जा सकता है. एक साधारण मनुष्य मृतोपरांन्त 8 व्यक्तियों की जान बचा सकता है, डॉ रवि द्वारा बताया गया कि लीवर को दान करने के लिए शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ वजन का भी भी नियंत्रण आवश्यक होता है। डॉ भूपेश कुमार द्वारा उपस्थित जनमानस को जागरूक किया गया। और बताया गया कि नेत्रदान से मृत व्यक्ति के बाद उसके दान किये गये नेत्र से किसी अन्य नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में रोशनी आ सकती है। डॉ प्रियंका एवं डॉ नीलिका ने वहाँ उपस्थित महिलाओं व बच्चियों को सवाईकल कैंसर की जानकारी देकर जागरूक किया किया एवं सवाईकल कैंसर से बचने हेतु उपाय व टीकाकरण की भी जानकारी दी गई।
पराविधिक स्वयं सेवक, नितिन सक्सेना, शुभा तिवारी, द्वारा बताया कि आगामी दिनांक 14 दिसम्बर को साल की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का अयोजन तहसील से लेकर सर्वोच्च न्यायालय स्तर तक के किसी भी न्यायालय या विभागीय मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित करने के लिये आवेदन पत्र देकर वादकारी अंतिम आदेश और निर्णय प्राप्त कर हमेशा के लिये लंबित मामलों से छुटकारा पा सकते है। राष्ट्रीय लोक अदालत में किसी भी प्रकार का शुल्क देना नहीं पड़ता और पक्षों के मध्य आपसी सुलह के अनुसार विवाद का निस्तारण कराया जा सकता है। लोक अदालत में शमनीय वाद, स्टाम्प वाद, राजस्व वसूली, बैंक सम्बन्धित वाद, भूमि अधिग्रहण वाद, उपभोक्ता फोरम वाद, पारिवारिक बाद, श्रम वाद आदि का निस्तारण किया जायेगा। साथ ही साथ यह भी बताया गया कि लघु आपराधिक मामलों के निस्तारण हेतु 11, 12 एवं 13 दिसम्बर तक विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है एवं नालसा, सालसा, के निर्देश पर चलाई जा रही योजनाओं के विषय पर तथा नालसा সबर 15100 एवं नालसा ऐप डाउनलोड कर ऐप के लाभ के बारे में बताया गया।
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