इजराइल की स्ट्राइक से मिडिल ईस्ट में हड़कंप, परमाणु हथियार के इस्तेमाल का दावा
मिडिल ईस्ट में एक बार फिर से तनाव चरम पर है। 16 दिसंबर को इजराइली सेना ने सीरिया के तारतस में स्थित हथियार डिपो पर हमला किया। रूसी मीडिया स्पूतनिक का दावा है कि इस हमले में इजराइल ने नई मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल किया, जो परमाणु हथियार के बराबर शक्तिशाली है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिका द्वारा विकसित बी61 न्यूक्लियर बम हो सकता है। हालांकि, इजराइल ने हमेशा कहा है कि वह पहले परमाणु हथियार का उपयोग नहीं करेगा।
इजराइल के पास 90 से 400 परमाणु हथियार होने का अनुमान है, जिन्हें वह फाइटर जेट्स, सबमरीन और क्रूज मिसाइलों के जरिए उपयोग कर सकता है।
इस बीच, सीरिया में संघर्ष और भीषण हो गया है। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, इस्लामी गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों पर हमले किए। इनमें छह इस्लामी लड़ाके मारे गए और कई घायल हो गए।
असद सरकार के पतन के बाद से बदले की कार्रवाइयों में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं, जिनमें अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोग प्रमुख हैं। राजधानी दमिश्क में भी हिंसा बढ़ रही है, जहां अलावी और सुन्नी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। हालांकि, गोलीबारी की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
क्या इजराइल का हमला वाकई परमाणु ताकत का प्रदर्शन था, यह रहस्य अभी गहराया हुआ है।(BNE)