रूस-यूक्रेन वार,-द-एन्ड क़ी ओर….
ट्रंप पुतिन बातचीत- रूस यूक्रेन युद्ध के 30 दिन के संघर्ष विराम की संभावना- एक हफ्ते की मशक्कत का नतीजा
रूस यूक्रेन की शर्तों के बीच ट्रंप-पुतिन की युद्ध रोकने की बातचीत क़ी सकारात्मक दूरगामी परिणाम की सराहनीय संभावना-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर चौथे साल में प्रवेश कर चर्चा का मुद्दा बने व तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ती परिस्थितियों के बीच, पिछले एक सप्ताह से युद्ध रोकने के लिए तेजी से चल रही बातचीत तथा अन्य प्रिक्रिया की मशक्कत के बीच दिनांक 18 मार्च 2025 को ट्रंप-पुतिन की टेलीफोन पर करीब 90 मिनट की बातचीत में 30 दिन के युद्ध विराम के समझौते पर बात बनने की संभावना व्यक्ति की जा रही है जिसमें रूस व यूक्रेन दोनों देशों की कुछ शर्तों का आपसी तालमेल व बीच का रास्ता निकालते हुए युद्ध विराम का रोडमैप तेजी से तैयार करने के लिए अमेरिका लगा हुआ है, जिसमें करीब करीब सफ़लता प्राप्त की जा चुकी है,अब मामला शर्तों में बीच का रास्ता निकालना और आपसी तालमेल से समझौता शीघ्र होने कीसंभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, आशा है युद्ध विराम के लिए ट्रंप- पुतिन की 90 मिनट की बातचीत रंग लाने की संभावना व्यक्ति की जा रही है,क्योंकि अब ट्रंप पुतिन की इस 90 मिनट की बातचीत के नए आयाम का आगाज़ शीघ्र सुनने को मिलेगा इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, ट्रंप पुतिन बातचीत, रूस- यूक्रेन युद्ध के 30 दिनों के संघर्ष विराम की संभावना, एक हफ्ते की मशक्कत का नतीजा।
साथियों बात अगर हम रूस यूक्रेन युद्ध विराम शीघ्र होने की करें तो,रूस-यूक्रेन के बीच शांति को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति और रूस के राष्ट्रपति के बीच मंगलवार को करीब 90 मिनट तक फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए 30 दिनों के अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई। हालांकि, पुतिन ने ट्रंप से यह भी कहा कि अगर अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन को सैन्य और खुफिया सहायता देना बंद नहीं करेंगे, तो संघर्ष पूरी तरह नहीं रुकेगा।गौरतलब है कि यह ट्रंप और पुतिन के बीच जनवरी के बाद दूसरी बातचीत थी। इससे पहले फरवरी में दोनों नेताओं ने फोन पर चर्चा की थी। उसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क बढ़े हैं। ट्रंप ने बातचीत से पहले सोशल मीडिया पर बताया था कि अंतिम समझौते के कई बिंदुओं पर सहमति बन गई है, लेकिन अब भी बहुत कुछ तय होना बाकी है। उन्होंने संकेत दिए कि दोनों पक्ष संपत्तियों के बंटवारे पर भी चर्चा कर रहे हैं, जिससे यूक्रेन और यूरोपीय देश चिंतित हैं।वहीं यूक्रेन और उसके सहयोगी यूरोपीय देशों को आशंका है कि रूस इस समझौते को तोड़ सकता है और भविष्य में फिर से हमला कर सकता है। ट्रंप के तेजी से युद्ध समाप्त करने के वादे को देखते हुए यूरोपीय देश भी चिंतित हैं कि रूस इस स्थिति का फायदा उठाकर अतिरिक्त शर्तें न थोप दे।…रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए प्रयास कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति रूसी राष्ट्रपति से लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस दौरान युद्ध विराम समझौते के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई. इस बात की जानकारी व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ ने दी।बीते दिन सोमवार (17 मार्च, 2025) को ट्रंप ने कहा था,हम देखेंगे कि क्या हम युद्ध विराम और शांति स्थापित कर सकतेहैं। मुझे लगता है कि हम ऐसा करने में सक्षम होंगे,वहीं, पुतिन ने पिछले सप्ताह अमेरिका के युद्ध विराम प्रस्ताव के लिए समर्थन व्यक्त किया था, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि रूस की ओर से अपने आक्रमण को रोकने के लिए सहमत होने से पहले कई शर्तें पूरी होनी चाहिए। क्रेमलिन ने क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्सों सहित कब्ज़ा किए गए इलाकों पर नियंत्रण बनाए रखने पर जोर दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की इस बातचीत से पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं, उनका मानना है कि पुतिन शांति के लिए तैयार नहीं होंगे, क्योंकि रूसी सेना लगातार यूक्रेन पर हमले कर रही है। पुतिन के साथ फोन पर बातचीत से पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वे पुतिन के साथ युद्ध के दौरान कब्जे में लिए गए भूमि और बिजली संयंत्रों पर चर्चा करेंगे।यूक्रेन के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा था कि यूक्रेन रूस के साथ विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेगा, उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका और रूस के बीच बातचीत सफल रहती है, तो युद्धविराम के प्रस्ताव पर स्पष्ट स्थिति सामने आ सकती है। उनका कहना था कि वैश्विक स्तर पर दीर्घकालिक और टिकाऊ शांति स्थापित करना एक महत्वपूर्ण उद्देश्य होगा।यूक्रेन के विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यूक्रेन शांति पहल का विरोधी नहीं है, और अमेरिका के 30 दिन के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, यूक्रेन ने अपनी क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, और किसी भी समझौते में इनका उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा. अमेरिका और रूस के बीच यह वार्ता रूस- यूक्रेन युद्ध के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। हालांकि, यूक्रेन की अपनी क्षेत्रीय अखंडता को लेकर चिंता बनी हुई है, लेकिन युद्धविराम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका परिणाम हम आगे देखेंगे।
साथियों बात अगर हम युद्ध विराम समझौते में रुस की मांगों की करें तो, पुतिन ने कहा है कि वह एक दीर्घकालिक समाधान के पक्षधर हैं जो संघर्ष के मूल कारणों” को संबोधित करता हो। पुतिन द्वारा लंबे समय से व्यक्त की गई कुछ मुख्य मांगें इस प्रकार हैं: (1) यूक्रेन को नाटो की सदस्यता नहीं (2) रूस केविरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध समाप्त करें (3) यूक्रेन और उसके सहयोगी उस क्षेत्र को रूस का हिस्सा मानते हैं जिस पर रूस ने पिछले एक दशक में यूक्रेन से कब्ज़ा करने का दावा किया है। इसमें क्रीमिया प्रायद्वीप शामिल है, जिस पर 2014 में रूस ने कब्ज़ा कर लिया था, और चार अन्य यूक्रेनी क्षेत्र (डोनेट्स्क, लुहांस्क, ज़ापोरिज्जिया और खेरसॉन) शामिल हैं, जिन पर रूस ने 2022 में अपने आक्रमण के बाद से आंशिक रूप से नियंत्रण कर लिया है। (4) यूक्रेन ने अपनी सेना का आकार छोटा किया (5) यूक्रेन ने रूसी नियंत्रण वाले क्षेत्रों से अपने सैनिक वापस बुला लिए हैं।पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए ट्रम्प के प्रयासों की प्रशंसा की है और कहा है कि वे अमेरिका के युद्ध विराम प्रस्ताव से सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं। फिर भी क्रेमलिन नेता ने यह भी कहा कि उनके पास सवाल हैं और कुछ बारीकियाँ हैं जिनपर किसी समझौते पर पहुँचने से पहले आगे चर्चा की आवश्यकता है। पुतिन ने कहा कि उन्हें इस बात की गारंटी चाहिए कि यूक्रेन लड़ाई में विराम का उपयोग अपनी सेना को फिर से आपूर्ति करने या रूसियों द्वारा पकड़े जाने से बचने के लिए यूक्रेनी लड़ाकों को बाहर निकालने के लिए नहीं करेगा। पुतिन ने सुझाव दिया कि यूक्रेन ने हाल ही में रूसी युद्धक्षेत्र की प्रगति को रोकने के लिए केवल अमेरिकी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे।पुतिन ने यह भी पूछा कि इस समझौते की निगरानी कौन करेगा, साथ ही इसकी शर्तों का उल्लंघन करने पर क्या दंड होगा। रूसी अधिकारियों ने नाटो-गठबंधन वाले देशों से शांति सेना की टुकड़ी के विचार को बार-बार खारिज किया है।पुतिन ने पिछले हफ़्ते व्हाइट हाउस के दूत से मॉस्को में बंद दरवाज़ों के पीछे इस प्रस्ताव पर चर्चा की थी। क्रेमलिन के प्रवक्ता के अनुसार, पुतिन ने उनको को सीधे ट्रंप तक पहुंचाने के लिए संकेत दिए थे । उन्होंने यह नहीं बताया कि वे क्या थे।
साथियों बात अगर हम रूस- यूक्रेन युद्ध में समझौते मेँ यूक्रेन की मांगों की करें तो, यूक्रेन पहले ही 30 दिन के युद्ध विराम पर सहमत हो चुका है, अगर रूस भी इसपर हस्ताक्षर करता है, तो इससे लंबे समय तक चलने वाले शांति समझौते पर चर्चा की जा सकती है। युद्ध विराम में सभी सैन्य गतिविधियों – जमीन, समुद्र और हवा से दागी जाने वाली मिसाइलों, ड्रोन और बमों की समाप्ति शामिल होगी। यूक्रेन कैदियों की अदला-बदली और उन हजारों बच्चों की वापसी चाहता है जिन्हें रूस ने अवैध रूप से बंधक बना लिया है। उक्रेनी राष्ट्रपति के सहयोगी ने कहा कि यूक्रेनवासी युद्ध विराम का समर्थन करते हैं, लेकिन एक और आक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षा की गारंटी चाहते हैंलेकिन येरमक ने कहा कि कुछ लाल रेखाएं हैं जिन्हें यूक्रेन पार करने से इंकार कर देगा: वह कभी भी कब्जे वाले क्षेत्रों को रूस का हिस्सा नहीं मानेगा, वह अपनी सेना का आकार कम नहीं करेगा और वह एक तटस्थ राज्य नहीं बनेगा।रविवार को दिए गए भाषण में ज़ेलेंस्की ने पुतिन पर युद्ध विराम वार्ता को खींचने का आरोप लगाया ताकि रूसी सेना युद्ध के मैदान में आगे बढ़ सके। ज़ेलेंस्की ने रूस पर यूक्रेन और अमेरिका द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से युद्ध का एक और सप्ताह “चुराने” का आरोप लगाया।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करें इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ट्रंप पुतिन बातचीत- रूस यूक्रेन युद्ध के 30 दिन के संघर्ष विराम की संभावना- एक हफ्ते की मशक्कत का नतीजा,रूस-यूक्रेन वार-द-एन्ड क़ी ओर….रूस यूक्रेन की शर्तों के बीच ट्रंप- पुतिन की युद्ध रोकने की बातचीत क़ी सकारात्मक दूरगामी परिणाम की सराहनीय संभावना
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-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9284141425*