



लक्ष्य सेन और पीवी सिंधू के नेतृत्व में भारतीय दल करेगा शानदार प्रदर्शन
14 जनवरी से शुरू हो रहे योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल हिस्सा लेगा। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत के 21 खिलाड़ी चुनौती पेश करेंगे। इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव इंडोर हॉल में आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में 9.5 लाख डॉलर (लगभग 8.15 करोड़ रुपये) का पुरस्कार पूल और 11,000 रैंकिंग अंक दांव पर होंगे।
सुपर 750 में भारत का बढ़ता वर्चस्व
भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) के महासचिव संजय मिश्रा ने इस आयोजन को भारतीय बैडमिंटन की प्रगति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह हमारे खिलाड़ियों की मेहनत और खेल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सिर्फ शुरुआत है। नए खिलाड़ियों के साथ भारतीय बैडमिंटन का भविष्य उज्ज्वल है।”
सुपर 750 श्रेणी में अपग्रेड किए गए इस टूर्नामेंट में पिछली बार भारत के 14 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इस बार यह संख्या बढ़कर 21 हो गई है, जिसमें पुरुष और महिला खिलाड़ियों के साथ मिश्रित युगल जोड़ियां भी शामिल हैं।
प्रमुख भारतीय खिलाड़ी और उनकी चुनौती
पुरुष एकल में लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय और प्रियांशु राजावत जैसे खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। महिला एकल में पीवी सिंधू, मालविका बंसोड़, अनुपमा उपाध्याय और आकर्षी कश्यप अपनी प्रतिभा दिखाएंगी।
पुरुष युगल में चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी पर खिताब का दारोमदार होगा। ये जोड़ी चीन मास्टर्स 2024 के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है और शानदार लय में है। महिला युगल में त्रिसा जॉली/गायत्री गोपीचंद और अश्विनी पोनप्पा/तनीषा क्रास्टो सहित आठ जोड़ियां भारत की ओर से चुनौती पेश करेंगी। मिश्रित युगल में ध्रुव कपिला/तनीषा क्रास्टो और अन्य जोड़ियां भी भाग लेंगी।
वैश्विक सितारों का मुकाबला
टूर्नामेंट में ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन, एन से यंग और दुनिया के नंबर एक शी युकी जैसे शीर्ष खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे। साथ ही, पुरुष और महिला एकल के शीर्ष-20 खिलाड़ियों में से अधिकांश इसमें भाग ले रहे हैं। पुरुष युगल में चीन के लियांग वेइकेंग और वांग चांग तथा इंडोनेशिया के फजर अल्फियान और मुहम्मद रियान जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल होंगे।
भारतीय दल के लिए सुनहरा मौका
भारत के 21 खिलाड़ियों के दल से बड़ी उम्मीदें हैं। चिराग-सात्विक की जोड़ी, लक्ष्य सेन और पीवी सिंधू जैसे अनुभवी खिलाड़ी भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाई पर ले जाने का माद्दा रखते हैं। यह टूर्नामेंट न केवल भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को दर्शाने का मौका देगा, बल्कि विश्व मंच पर भारतीय बैडमिंटन के बढ़ते प्रभाव को भी साबित करेगा।