



MUMBAI :PARLE -G के कई प्रतिष्ठानों पर एक साथ इनकम टैक्स ने की छापमारी
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह छापेमारी किस कारण से की जा रही है।
इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी पारले ग्रुप जैसी प्रतिष्ठित और लोकप्रिय कंपनी पर हुई है, जिससे उद्योग जगत में हलचल है।
मुंबई (BNE ): आयकर विभाग की विदेशी संपत्ति इकाई (फॉरेन एसेट यूनिट) और मुंबई की इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने शुक्रवार सुबह मशहूर बिस्कुट निर्माता कंपनी पारले ग्रुप पर छापेमारी की. पारले-जी, मोनाको और अन्य लोकप्रिय ब्रांड नामों से बिस्कुट बनाने वाली इस कंपनी के मुंबई स्थित कई ठिकानों पर सुबह से ही तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह छापेमारी किस कारण से की जा रही है।
हालाँकि इनकम टैक्स विभाग की ओर से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गयी है। लेकिन माना जा रहा है कि छापेमारी पूरी होने के बाद ही कारणों का खुलासा हो पाएगा। फिलहाल, इनकम टैक्स अधिकारी कंपनी के दस्तावेजों और वित्तीय लेन-देन की गहनता से जांच कर रहे हैं।
पारले-जी का मुनाफा FY24 में दोगुना हुआ
यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब पारले ग्रुप ने वित्त वर्ष 2023-24 में शानदार मुनाफा दर्ज किया है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में पारले-जी का मुनाफा दोगुना होकर 1,606.95 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यह 743.66 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, कंपनी की ऑपरेशनल इनकम में भी दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो बढ़कर 14,349.4 करोड़ रुपये हो गई है। कंपनी का कुल राजस्व 5.31 प्रतिशत बढ़कर 15,085.76 करोड़ रुपये रहा है। यह मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्शाता है कि पारले बिस्कुट की मांग बाजार में अभी भी मजबूत बनी हुई है।
90 साल से भी पुराना है पारले का इतिहास
पारले ग्रुप एक प्रतिष्ठित भारतीय कंपनी है जिसकी स्थापना आजादी से पहले, वर्ष 1929 में हुई थी। 90 के दशक के बच्चों के बीच पारले-जी और चाय का संयोजन विशेष रूप से लोकप्रिय था। कहा जाता है कि कंपनी का नाम मुंबई के विले-पार्ले इलाके से प्रेरित है। पारले ने पहली बार 1938 में पारले-ग्लूको नाम से बिस्कुट का उत्पादन शुरू किया था। आजादी से पहले, पारले-जी को ग्लूको बिस्किट के नाम से ही जाना जाता था। हालांकि, गेहूं की कमी के कारण आजादी के बाद ग्लूको बिस्किट का उत्पादन कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। बाद में, उत्पादन फिर से शुरू हुआ, लेकिन तब तक बाजार में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ चुकी थी और कई नई कंपनियां मैदान में उतर चुकी थीं, जिनमें ब्रिटानिया प्रमुख थी, जिसने ग्लूकोज-डी बिस्किट से अपनी पहचान बनाई।
इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी पारले ग्रुप जैसी प्रतिष्ठित और लोकप्रिय कंपनी पर हुई है, जिससे उद्योग जगत में हलचल है। आगे की जानकारी के लिए इनकम टैक्स विभाग के आधिकारिक बयान का इंतजार है।