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10 जनवरी को मनाई जाएगी साल की पहली एकादशी, जानें व्रत के नियम और परहेज
सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। नए साल की पहली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस साल यह शुभ तिथि 10 जनवरी को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेषकर संतान सुख की कामना करने वालों के लिए यह दिन अत्यंत फलदायी माना जाता है।
पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व और पूजा विधि
पंचांग के अनुसार, यह एकादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की तिथि को पड़ती है। व्रत करने वाले जातकों को भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद फलाहार करने की परंपरा है। व्रत का पालन सच्चे मन और नियमों के साथ करने से इसका शुभ फल मिलता है।
क्या खाएं और क्या न खाएं
क्या खा सकते हैं:
फल, दूध, दही, शरबत
साबुदाना, आलू, शकरकंद
सेंधा नमक, राजगीर का आटा, नारियल
क्या नहीं खाएं:
अन्न, चावल, तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन)
मसालेदार या तले-भुने खाद्य पदार्थ
सावधानियां:
व्रत रखने वालों को इस दिन तामसिक भोजन और चावल का सेवन करने से बचना चाहिए। यह भगवान विष्णु को अपवित्र मानकर व्रत को निष्फल बना सकता है।
शुभ मुहूर्त और व्रत पारण समय
पुत्रदा एकादशी का व्रत शुभ मुहूर्त में ही रखा जाना चाहिए। पूजा और व्रत के बाद भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस व्रत से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती
है।