संभाले रिश्तों की डोर, सोशल मीडिया की ‘दोधारी तलवार’ से बचें
आज की डिजिटल दुनिया में सोशल मीडिया हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। दोस्तों और परिवार से जुड़े रहने, मनोरंजन, और अपडेट्स का यह जरिया जितना उपयोगी है, उतना ही खतरनाक भी। विशेषज्ञों के अनुसार, सोशल मीडिया रिश्तों को मजबूत बनाने के साथ-साथ उन्हें बिगाड़ने का काम भी कर सकता है।
रिश्तों पर सकारात्मक प्रभाव:
जुड़े रहने में मदद: सोशल मीडिया लंबी दूरी के रिश्तों को संभालने का साधन बनता है। वीडियो कॉल्स और मैसेजिंग से साथी एक-दूसरे के करीब महसूस कर सकते हैं।
खास पलों की साझेदारी: जन्मदिन, सालगिरह जैसे खास पलों को साझा कर साथी एक-दूसरे की जिंदगी का हिस्सा बनते हैं।
प्यार का इज़हार: सोशल मीडिया पर प्यार भरे पोस्ट या संदेश साझा करना साथी को खास महसूस कराता है।
साझा रुचियों की खोज: सोशल मीडिया से समान शौक और रुचियों की पहचान कर साथी क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं।
नकारात्मक प्रभाव:
गुणवत्तापूर्ण समय की कमी: स्क्रीन पर अधिक ध्यान देने से पार्टनर उपेक्षित महसूस करते हैं, जिससे रिश्तों में दरार आ सकती है।
ईर्ष्या और असुरक्षा: सोशल मीडिया पर साथी की गतिविधियां या ऑनलाइन रिश्तों की तुलना ईर्ष्या और तनाव का कारण बन सकती है।
लगातार तुलना: आदर्श ऑनलाइन रिश्तों को देखकर लोग अपने रिश्तों को कमतर आंकने लगते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि सोशल मीडिया का उपयोग सीमित और समझदारी से करना चाहिए। रिश्तों की मजबूती के लिए ज़रूरी है कि साथ बिताए पलों को प्राथमिकता दें और ऑनलाइन दुनिया से बाहर वास्तविक जुड़ाव बनाएं।