बेंगलुरु का अनोखा मां काली मंदिर: यहां मुस्कुराते शांत स्वरूप में होती हैं मां के दर्शन
बेंगलुरु, जिसे सिलिकॉन सिटी के नाम से जाना जाता है, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से समृद्ध है। इन्हीं में से एक है गविपुरम गुट्टाहल्ली स्थित मां काली का प्रसिद्ध मंदिर, जो अपने अनोखे स्वरूप के लिए जाना जाता है। आमतौर पर मां काली को क्रोध वाले स्वरूप में देखा जाता है, लेकिन इस मंदिर में मां काली मुस्कुराते हुए शांत रूप में विराजमान हैं।
मां काली का सौम्य स्वरूप
यह मंदिर केम्पमबुधि झील के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है। श्रद्धालुओं को पहाड़ी पर चढ़ाई करके मां काली के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है। मंदिर में मां काली की मूर्ति चट्टान पर उकेरी गई है, जो लगभग 3 फीट ऊंची है। इस मूर्ति को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे चट्टान काटकर देवी को जीवंत कर दिया गया हो।
समस्याओं का निवारण और विशेष पूजा
यह मंदिर न केवल अपनी अनोखी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां पर मंत्र, वशीकरण, जादू, और नजर दोष का भी समाधान किया जाता है। पूर्णिमा और अमावस्या के दिन विशेष पूजा का आयोजन होता है। इसके अलावा, शुक्रवार और मंगलवार को मंदिर में दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है।
मंदिर के दर्शन का समय
मंदिर के दर्शन और अभिषेक जल प्राप्त करने के लिए सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे तक का समय निर्धारित है।
यह मंदिर श्रद्धा, विश्वास और अद्वितीय कला का संगम है। यदि आप बेंगलुरु की यात्रा पर हैं, तो मां काली के इस शांत और सौम्य स्वरूप के दर्शन करना न भूलें।