Narrator Devkinandan Mishra :आगरा (BNE ) ताजनगरी आगरा में कथावाचक देवकी नन्दन की भगवत कथा में एक प्रसंग के दौरान उन्होंने बांग्ला देश में हिन्दुओं के साथ किये जा रहे अत्याचार और बुरे वर्ताव पर निंदा व्यक्त की . भारत सरकार से मांग की है कि वह बांगला देश में रह रहे हिन्दुओं को बचाने का काम करे या फिर उन्हें अपने देश भारत में आने की छूट दे. ,उन्होंने कहा कि अगर ऐसा संभव नहीं हो तो यहाँ रह रहे बांग्लादेशियों को यहाँ से बाहर निकालें।Narrator Devkinandan Mishra :
हमारा ट्रस्ट एक हजार लोगों को आजीवन गोद लेने को तैयार
कथावाचक ने कि कश्मीर और पाकिस्तान के बाद अब बांग्ला देश में हिन्दुओं के साथ अत्याचार हो रहा है। समय आ गया है कि अत्याचार सह रहे हिन्दू भाइयों को वापस बुला लिया जाये। सरकार को इस ओर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। उन्होंने आगे इसी क्रम में कहा कि उनका ट्रस्ट 1000 लोगों को आजीवन गोद लेने के लिए तैयार है। बांग्लादेश में अत्याचार के मामले में सनातनी भीष्म की तरह मौन न रहें।”Narrator Devkinandan Mishra :
सनातन बोर्ड बनाये सरकार
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कथावाचक देवकी नन्दन ने कहा कि सनातन संस्कृति को बचाये रखने के लिए सनातन बोर्ड बनाये जाने की सख्त जरुरत है। सरकार इस ओर जल्दी पहल करे।बिना किसी का नाम लिए कहा कि संविधान को बचाने की दुहाई देने वाले नेता क्या टूटे मंदिरों को बनवाएंगे? उन्होंने सांकेतिक भाषा में कृष्ण जन्म भूमि का मुद्दा उठाया और कहा कि बहन, बेटियों को बचाने, धर्म को बचाने के लिए सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए।Narrator Devkinandan Mishra :
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औरंगजेब ने किया था बटेश्वर मंदिर तोड़ने का प्रयास
कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने बटेश्वर के ब्रह्म लाल मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान शिवलिंग पर तलवार के तीन प्रहार के निशान देखे। उन्होंने बताया कि यह निशान उस समय के हैं जब औरंगजेब ने शिव मंदिर को तोड़ने और शिवलिंग को खंडित करने का प्रयास किया था। हालांकि, वह अपने मंसूबों में नाकाम रहा और लौट गया। ठाकुर ने कहा कि ये प्रमाण आज भी मौजूद हैं और सनातनी परंपरा को मिटाने के प्रयास तब भी हुए थे और आज भी जारी हैं। उन्होंने लोगों से सनातन धर्म और परंपराओं को बचाने का आह्वान किया।Narrator Devkinandan Mishra :
‘बच्चों को कुसंग से बचाएं, दें संस्कार’
देवकी नंदन ठाकुर ने भागवत कथा के दौरान कहा, “बच्चों को कुसंग से बचाइए। बचपन में काम, क्रोध, ईर्ष्या नहीं होती। इसलिए उन्हें कथा में लाइए। रोजाना सूरज को जल चढ़वाएं जिससे सनातनी बन सकें। बच्चे कृष्ण जानें इससे न केवल उनका चरित्र निर्माण होगा, बल्कि वे ईश्वर के प्रति आस्था और संस्कारों से जुड़ सकेंगे।”Narrator Devkinandan Mishra :