समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कलाकारों के प्रस्तुतीकरण की सराहना की तथा मध्य प्रदेश की समृद्ध आदिवासी संस्कृति, पर्यटन स्थल, वन्यजीव, नदियों और विश्वविद्यालयों पर चर्चा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में कई ऐसे स्थल हैं जहां लोक कलाओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने के कार्य किये जा रहे हैं। धार्मिक महत्व वाले स्थलों जैसे पंचमढ़ी और उज्जैन के महाकालेश्वर का उल्लेख करते हुए उन्होंने भोपाल के जनजाति म्यूजियम की भी चर्चा की, जो आदिवासियों द्वारा संचालित है। उन्होंने मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ एवं कान्हा टाइगर रिजर्व को बाघों के संवर्धन हेतु अद्भुत बताया तथा राज्य के रीवा जिले में एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट की स्थापना के प्रधानमंत्री जी के प्रयासों को अद्वितीय बताया।
इस अवसर पर राजभवन में मध्य प्रदेश की संस्कृति, खानपान, संगीत, तीर्थ स्थल एवं महान विभूतियों पर आधारित प्रदर्शनी एवं रंगोली का अवलोकन राज्यपाल जी ने किया। समारोह में मध्य प्रदेश राज्य पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें मध्य प्रदेश राज्य की स्थापना से लेकर लोक संस्कृति, महत्वपूर्ण स्थल तथा अद्यतन विकास को दर्शाया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव राज्यपाल श्रीप्रकाश गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, डॉ0 पंकज एल0 जानी, विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल, अशोक देसाई व राजभवन के अधिकारीगण व कर्मचारीगण समेत मध्य प्रदेश से आए विभिन्न गणमान्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।