सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को हिदायत दी है कि वो Bournvita जैसे सभी पेय पदार्थों को अपने प्लेटफॉर्म से 'हेल्थ ड्रिंक' की कैटेगरी से हटा दें. Bournvita में बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर सरकार का कहना है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने एक सरकारी आयोग (NCPCR) ने अपनी जांच में पाया कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स (FSS) के नियमों में 'हेल्थ ड्रिंक' को परिभाषित नहीं किया गया है. ये जांच Bournvita में बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर पाए जाने के बाद शुरू की गई थी. NCPCR ने पहले भी फूड सेफ्टी अथॉरिटी (FSSAI) से ऐसे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी जो सेहत के लिए ठीक नहीं होते, फिर भी उन्हें 'हेल्थ ड्रिंक' बताकर बेचा जाता है. किसी प्रोडक्ट को 'हेल्थ ड्रिंक' बताना नियमों का उल्लंघन गौर करने वाली बात ये है कि भारत के खाद्य कानून में अभी तक 'हेल्थ ड्रिंक' को परिभाषित नहीं किया गया है और ऐसे किसी प्रोडक्ट को 'हेल्थ ड्रिंक' बताना नियमों का उल्लंघन है. FSSAI ने भी इसी महीने ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया था कि वो दूध या मॉल्ट से बने पेय पदार्थों को 'हेल्थ ड्रिंक' ना बताएं. इस मामले की शुरुआत तब हुई जब एक यूट्यूबर ने अपने वीडियो में Bournvita की आलोचना की थी. उनका कहना था कि Bournvita में बहुत ज्यादा चीनी, कोकोआ और खतरनाक रंग हैं जो बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.